नई दिल्ली. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में तीन दिवसीय इस्गप्पू (ISSGPU) अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेस का आगाज किया गया है. जहां एक्सपर्ट ने बताया कि क्या किया जाए कि भेड़-बकरी पालन करने से किसानों की इनकम में इजाफा हो जाए. ये अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस छोटे जुगाली पशुओं, विशेष रूप से बकरी और भेड़ उत्पादन के क्षेत्र में नए रिसर्च, जीनोमिक इनोवेशन और उन्नत खेती तकनीकों पर केंद्रित है. इस अवसर पर विशेषज्ञों ने सटीक खेती, पशु पोषण, स्वास्थ्य प्रबंधन, उत्पादकता वृद्धि और इसके लगातार विकास से जुड़े पहलुओं पर अपने विचार रखे.
डॉ. राघवेन्द्र भट्टा ने छोटे जुगाली पशुओं के उत्पादन में इनोवेशन की जरूरत पर जोर दिया और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया. उन्होंने बकरी और भेड़ पालन में सटीक खेती तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो.
तकनीकों को जमीन पर उतारने की जरूरत
डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार गौर ने बकरी और भेड़ पालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया और इस क्षेत्र में रिसर्च तथा तकनीकी विकास को जरूरी बताया. उन्होंने किसानों और रिसर्च करने वालों के बीच समन्वय स्थापित कर नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया. केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर राजस्थान के डायरेक्टर डॉ. एके तोमर ने बकरी और भेड़ के प्रबंधन, प्रजनन और पोषण से संबंधित विभिन्न तकनीकों पर चर्चा की और इस क्षेत्र में अनुसंधान को और अधिक रिलेवेंट बनाने की जरूरत जताई.
उत्पादन में नई तकनीक की जरूरत
डॉ. एके. गहलोग और डॉ. के एमएल पाठक ने भी अपने विचार साझा किए और आधुनिक बकरी एवं भेड़ पालन में हो रहे तकनीकी बदलावों को किसानों तक पहुंचाने की बात कही. संस्थान के निदेशक, डॉ. मनीष कुमार चेटली ने सभी अतिथियों, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और किसानों का स्वागत किया और इस तीन दिवसीय सम्मेलन के महत्व पर रोशनी डाला. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छोटे जुगाली पशुओं के उत्पादन में नवीनतम तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देना है ताकि पशुपालकों को अधिकतम लाभ मिल सके.
कई नए नजरिए मिले
इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से जुड़े विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक, शोधार्थी, बकरी एवं भेड़ पालन से जुड़े किसान और उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित रहे. इस सम्मेलन में उन्नत व आधुनिक बकरी पालन की तकनीकों, जीनोमिक नवाचारों और सतत विकास को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ, जिससे पशुपालकों और वैज्ञानिकों को नए नजरिए मिले. कार्यक्रम के आखिरी में अतिथियों द्वारा किसानों और वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट योगदान को सराहा गया और भविष्य में इस क्षेत्र में और अधिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने पर सहमति बनी.