नई दिल्ली. इस बार मौसम बदल रहा है. अप्रैल के महीने में तेज गर्मी पड़ रही है. तापमान लगातार बढ़ रहा है तो ऐसे में पशुपालन में कई सारी दिक्कतें आ सकती हैं. भैंस की हीट की क्षमता पर बढ़ते तापमान का बुरा असर होता है. प्रजनन सीजन में यह नई मुसीबत आ सकती है. कैसे पशुपालक इस समस्या का निदान कर सकते हैं, आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको बता रहे हैं. बढ़ते तापमान में दूध का उत्पादन भी कम हो जाता है, वहीं भैंस हीट में आती है तो परेशानी हो जाती है. आईए जानते हैं ऐसे टिप्स जिनके जरिए इस समस्या से निपटा जा सके. मौसम का असर भैंस के शरीर पर भी पड़ सकता है.
पशु एक्सपर्ट का कहना है कि अप्रैल महीने में भैंसे हीट में आती हैं और यह मौसम उनके गर्भाधान के लिए सही है. लेकिन इस बार अप्रैल के महीने में गर्मी अधिक है. ऐसे में गर्भाधान में प्रॉब्लम आ सकती है. पशुपालकों को पशुओं की शेड में गर्मी से निपटने के बंदोबस्त करने जरूरी है. उनके खाने में ठंडी तासीर वाले आहार को शामिल करना चाहिए, जिससे उनकी पाचन क्रिया बेहतर हो सके.
भैंस की हीट और मौसम का असर: इस मौसम में अत्यधिक बदलाव के चलते शरीर में बढ़ती गर्मी भैंस की हीट और उसके बच्चा देने पर असर डालती है. तापमान कब बढ़ जाए और कब घटने लगे, इसका कुछ अंदाजा नहीं होता है. इसके चलते एक तरफ दूध उत्पादन घटता है तो दूसरी ओर पशु गंभीर रूप से बीमार भी हो जाते हैं. भैंस पर इसका सबसे ज्यादा असर होता है, जब बच्चा होने वाला होता हैं, या जिनका हीट चक्र चल रहा होता है. कई बार ऐसा भी होता है की भैंसों के शरीर से गर्मी निकल नहीं पाती है और पशु को पेशाब के दौरान परेशानी होने लगती है. भैंस के शरीर की गर्मी अधिक हो जाती है तो एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी आती है, इसके कारण उसमें हीट के लक्षणों का पता ही नहीं चलता और उनके शरीर में गर्मी अधिक बढ़ने से गर्भ भी नहीं ठहरता.
क्या करें उपचार: तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते पशु को लू से बचना बहुत जरूरी है. भैंस का रंग काला होता है, इस वजह से शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकलती है. उसके शरीर में रोम छिद्र भी कम होते हैं, जिससे भैंस को पसीना कम आता है. इसलिए पशुपालक शेड में अपनी भैंस को नहलाने का इंतजाम करें. अगर मुमकिन है तो नदी या नहर की पानी में थोड़ी देर के लिए भैंस को छोड़ देना चाहिए. भैंस को गर्मी के दौरान ऐसा आहार देना चाहिए जो हल्का हो, जिसकी तासीर ठंडी हो और उसके शरीर में ठंडक बनी रहे. शेड में पीने के पानी की व्यवस्था रखें. सीधी धूप, सूरज की रोशनी ना पड़े, इसका भी ख्याल रखें. अभी लू चल रही है तो गर्म हवाओं से भी भैंस को बचाएं.