Animal Husbandry: उत्तर प्रदेश में चल रही पशु प्रजनन नीति क्या है, इसके फायदों के बारे में भी जानें यहां

क्लोन से तैयार की गई देश की पहली गाय गंगा

नई दिल्ली. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें पशुपालन को बढ़ावा देकर किसानों की इनकम को दोगुना करना चाहती हैं. वहीं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बेसहारा पशुओं की संख्या ज्यादा है. इसलिए सरकार इसपर लगाम लगाने और गोपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. ताकि इससे गाय का दूध उत्पादन भी बढ़े और इसका फायदा आम किसानों को मिल सके. जबकि इससे बेसहारा घूम रही गोवंशों की संख्या पर भी कंट्रोल किया जा सके. इसी के तहत यूपी में पशु प्रजनन नीति चलाई जा रही है.

पशु प्रजनन नीति के तहत प्रजनन योग्य पशुओं के 50-70 प्रत्येक गर्मी में आये पशु के प्रजनन की सुविधा द्वारा कवर करने के लिए विभाग संकल्पित है. टारगेट को हासिल के लिए अतिहिमीकृत वीर्य (Hyperactivated sperm) द्वारा कृत्रिम गर्भाधान और दूर के गांवों में नैसर्गिक अभिजनन (Obstetrics) की सुविधा उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव है. इसके लिए क्षेत्रवार कई नस्ल के सांडों के स्पर्म का इस्तेमाल किया जाना है.

ये अहम काम किए जा रहे हैं
1-दूध उत्पादन के लिए प्रदेश के गोंवंश को विदेशी नस्ल के सांडों के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान कराकर संकर नस्ल तैयार कर दूध उत्पादन की मात्रा बढ़ाने पर पशु प्रजनन नीति के तहत जोर दिया जा रहा है. इसके लिए बुन्देलखण्ड मिर्जापुर मंडल के लिए जर्सी व जर्सी क्रास तथा अन्य क्षेत्रों के लिए होलिस्टीन फीजियन और इनके क्रास को सेलेक्ट किया गया है.

2-प्योर भारतीय मूल की गायों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए इस नीति के तहत शुद्ध भारतीय नस्ल के सांडों के वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान किया जा रहा है.

3-संकर संतति में विदेशी प्रजाति के रक्त को 62.5 प्रतिशत तक रखे जाने के लिए संकर मादा संतति (एफ-1) को 50 से 62.5 प्रतिशत विदेशी रक्त के अतिहिमीकृत वीर्य (Hyperactivated sperm) से क्रास कराया जाएगा.

4-भैंसो में मुर्रा व भदावरी नस्ल के सांडों के वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान किया जा रहा है.

सेक्सड सीमन उत्पादन की यूनिट शुरू की गई है
राज्य सरकार के सहयोग से अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र बाबूगढ हापुड में विदेशी संस्था 20 बीएस ग्लोबल के सहयोग से सेक्सड सीमन उत्पादन इकाई की स्थापना की गयी है. जिससे प्रदेश को प्रतिवर्ष 3.30 लाख उच्च गुणवत्ता के सांडों के वीर्य से तैयार वर्गीकृत वीर्य का उत्पादन किया जा रहा है. प्रदेश में इस संस्था द्वारा नवम्बर 2019 से उत्पादन शुरू किया गया है. भारत सरकार द्वारा वर्गीकृत वीर्य उत्पादन को बढाने के उद्देश्य से एक अतिरिक्त इकाई के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गयी है. बता दें कि 2023-24 रहमान खेड़ा पशु प्रजनन कार्य में सहयोग के लिये बाबूगढ़ में 191, रहमान खेड़ा में 156 और मंझरा में 66 सांडों के वीर्य को रखा गया है.

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