नई दिल्ली. बिहार एक ऐसा राज्य हैं जहां पर बाढ़ का खतरा बहुत ज्यादा रहता है. अक्सर बाढ़ आने की वजह से पशुपालकों को नुकसान होता है. पशुओं के लिए चारे का संकट भी खड़ा हो जाता है. क्योंकि चारागाहें और खेत खलियान में पानी भर जाता है. इसके चलते पशुओं के लिए हरा चारा नहीं मिल पाता है. जबकि लोग घरों में सूखा चारा रखते हैं लेकिन कई बार पानी में भीग जाने की वजह से वो भी पशुओं के खाने के लायक नहीं रह जाता है. इस समस्या को सरकार समझती है और इसका हल निकालने के लिए पशुपालकों को चारा उपलब्ध कराया जाता है.
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से आपदा प्रभावित पशुओं के जीवन संरक्षण के लिए कदम उठाए गए हैं. ताकि पशुओं को चारा की कमी न हो. इसके लिए पशु चारा वितरण कार्यक्रम शुरू किया गया है. बता दें कि आपदा से प्रभावित पशुओं की जीवन रक्षा के लिए समय-समय पर पशु चारा वितरण कराने का कार्य जिला प्रशासन के सहयोग से जिला पशुपालन पदाधिकारी के द्वारा सम्पन्न किया जाता है. ताकि पशुओं को प्रर्याप्त चारा उपलब्ध हो सके
चारा मात्रा के बारे में जानें यहां
निर्धारित सहायता के अनुरूप बड़े जानवरों के लिए 80 रुपये तथा छोटे जानवर के लिए 45 रूपये प्रतिदिन सरकार की तरफ से दिया जाएगा. आपदाग्रस्त पशुओं की जिंदगी बचाने के लिये सामान्यतः बड़े जानवरों के लिये 6 किलो ग्राम और छोटे जानवरों के लिए 3 किलो ग्राम तथा भेड़-बकरियों के लिये 1 किलो ग्राम चारा की जरूरत होती है. सरकार ये उपलब्ध कराएगी. पशु शिविरों, अस्थायी शिविरों में एक बार में तीन दिन या एक सप्ताह के लिए चारा वितरण कराया जाता है तथा बाढ़ की स्थिति के अनुसार शिविर संचालन तक पुनः वितरण कराया जाता है.
वितरण प्रक्रिया के बारे में जानें
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन एवं सहयोग से शिविरों व अस्थाई शिविरों में पशुओं की संख्या के अनुसार चारा वितरण किया जायेगा. चारा वितरण के पूर्व सभी प्रभावित पशुओं की प्रकार संख्या के आधार पर गणना कर पशुपालकवार टोकन वितरण किया जाता है और उसी टोकन के आधार पर क्रमानुसार चारा का प्रबंध कर वितरित किया जाता है. ताकि सभी को चारा उपलब्ध हो सके और कहीं कोई दिक्कत न आए. विशेष जानकारी पशुपालन निदेशालय, बिहार, पटना स्थित आपदा कोषांग (दूरभाष संख्या 0612-2230942) या पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार, पटना (दूरभाष संख्या 0612-2226049) से हासिल की जा सकती है.