Milk Production: सीमेन प्लांट से मिलने लगा बेहतर रिजल्ट, बढ़ रही है अच्छी नस्ल के पशुओं की संख्या

सदैव स्वस्थ एवं सुडौल शरीर वाले पशु ही खरीदना चाहिए.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. उत्तराखंड के बाद मध्य प्रदेश दूसरा ऐसा राज्य बन गया है, जहां ऑटोफिशियल इनसेमिनेशन एआई तकनीक से सिर्फ और सिर्फ बछिया ही पैदा हो रहही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस तकनीक में बछिया का ही सीमेन गाय के सर्विक्स में इंप्लांट किया जाता है, जिससे बछिया का जन्म होता है. सरकार की तरफ से भोपाल में प्लांट तैयार किया गया है. राज्य सरकार ने 5 साल में 25 लाख सेक्स सार्टेड सीमेन के प्रोडक्शन का लक्ष्य इस प्लांट में रखा है. इस कड़ी में बेहतर रिजल्ट भी मिल रहा है.

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस वक्त 2 लाख सीमेन भोपाल स्थित प्लांट में तैयार किए जा रहे हैं. इसका मकसद राज्य में गोवंश की नस्ल सुधारने के साथ दूध उत्पादन में वृद्धि करना है. साथ ही दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई और योजनाओं पर काम कर रही है.

क्या है सरकार की योजना
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की सरकार राज्य को मिल्क कैपिटल बनाने की दिशा में काम कर रही है.

इस वजह से डॉ. भीमराव कामधेनु योजना भी शुरू की गई है. इसके अलावा भी हर उसे चीज को लेकर काम किया जा रहा है जिससे राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाया जा सके.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दूध उत्पादन और पशु संख्या में मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है.

2019 पशु जनगणना के मुताबिक यहां गोवंश की संख्या 187.50 लाख है. वहीं भैंस की संख्या 103.50 लाख है.

अधिकारियों का कहना है कि सेंट्रल सीमेन स्टेशन का यह लक्ष्य है कि किसानों को अच्छी नस्ल का पशु खरीदने के लिए दूसरे राज्यों का रुख न करना पड़े.

3 साल पहले इससे पहले प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था. जिसके नतीजे बेहतर मिलने शुरू हो गए हैं. इस साल 95 फीसद गायों ने बछियों को जन्म दिया है.

जैसे-जैसे सेक्स स्टार्टड सीमेंट का इस्तेमाल कृत्रिम गर्भाधान में इस्तेमाल होगा, पशुपालकों के पास अच्छी नस्ल की गाय उपलब्ध हो जाएंगी.

इससे जहां दूध उत्पादन बढ़ेगा तो वहीं बेसहारा पशुओं की संख्या पर भी कंट्रोल लगेगा. जिससे एक्सीडेंट भी कम होंगे.

बता दें कि एक सीमेन की कीमत 850 में पड़ती है लेकिन इस पर सरकार सब्सिडी देती है. इसलिए किसानों को 100 रुपए में ये दिया जाता है.

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