नई दिल्ली. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि जब गाय या भैंस बछड़ी को जन्म देती है तो आगे चलकर यही बछड़ी दुधारू पशु के रूप मैं तैयार हो जाती है. हालांकि पशु के जन्म दिए गए बच्चे को यानी बछड़ी को दुधारू पशु के तौर पर तैयार करने के लिए कई प्रयास करने की जरूरत होती है. उसका अच्छा ढंग से ख्याल रखना पड़ता है, तब वो दुधारू पशु के रूप में अच्छी तरह से तैयार हो पाती है, नहीं तो कई बार ऐसा देखा गया है कि बछड़ियों की तबीयत खराब हो जाती है और उनकी मौत हो जाती है. अगर उसकी मौत न भी हो तब भी आगे चलकर दूध का उत्पादन करने में सक्षम नहीं हो पाती है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशु जब बछड़ी को जन्म देते है तो उसके बाद आमतौर पर उसके साथ एक समस्या बहुत ज्यादा रहती है कि पशु का पेट अक्सर लटका रहता है. जबकि यह बछड़े या बछड़ी के लिए कतई ठीक नहीं है. अगर ज्यादा पेट अटक जाता है तो उनकी ग्रोथ रुक जाती है. इसके अलावा कई बार बड़े पशुओं में यह समस्या आती है कि उनका पेट लटक जाता है. इस आर्टिकल में इससे क्या दिक्कत होती है और इसका इलाज कैसे किया जाए तो इसके बारे में हम आपको जानकारी देंगे.
क्या होती पेट लटकने से दिक्कत
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो बछड़े और पशु का पेट तब लटक जाता है जब पशु के पेट में कीड़े की समस्या हो जाती है. कई बार सूजन या अन्य पाचन समस्याओं का भी यह संकेत हो सकता है. जिससे पशु को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. अगर पशुओं का पेट पाचन संबंधित समस्याओं की वजह से लटका है तो ये अपच, आंतों में रुकावट या अन्य बीमारियों के संकेत भी हैं. कई बार पशु सुस्त और कमजोर होने लगता है. जिससे उसकी काम करने की क्षमता कम हो जाती है. यदि दुधारू पशु है तब उसके दूध उत्पादन पर भी असर पड़ता है और उसका दूध उत्पादन कम हो जाता है.
क्या है इसका इलाज, जानें यहां
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कई पशुपालकों द्वारा आजमाए गए नुस्खे से इस समस्या का हल निकाला जा सकता है. इसके लिए कुछ ज्यादा नहीं करना है. बस इतना काम करना है कि बाजार में मिलने वाली वनस्पति घी को हर दिन एक रोटी में लगाकर पशुओं को खिलाना शुरू कर दें. पशु हो या उसका बच्चा अगर पेट लटकाने की समस्या है तो घी को रोटी में मिलाकर खिलाया जा सकता है. 10 दिन तक अगर ऐसा कर दिया जाए तो फिर फर्क नजर आने लगेगा. पशु के पेट की समस्या दूर हो जाएगी.