Pashu Mela: पशुपालन, डेयरी, पोल्ट्री और मीट कैटेगरी में इन्हें मिला मुख्यमंत्री पुरस्कार, यहां पढ़ें इनकी उपब्धियां

पशु मेले में मिला ईनाम.

नई दिल्ली. गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना ने 26 सितंबर 2025 को चार पशुपालकों को मुख्यमंत्री पुरस्कार प्रदान किए. ये पुरस्कार पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय मेला ग्राउंड में पंजाब मंडी बोर्ड के अध्यक्ष हरचंद सिंह बरसात द्वारा एक भव्य समारोह में प्रदान किए गए. विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रविंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय अपने विस्तार कार्यक्रमों को मजबूत करके राज्य में पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. सभी को पुरस्कार के तौर पर नकद राशि के साथ एक पट्टिका, शॉल और प्रशस्ति पत्र दिया गया.

बताते चलें कि तमाम कैटेगरी के पशुपालकों को प्रेरित करने के लिए, विश्वविद्यालय विभिन्न पशुपालन प्रणालियों की उत्पादकता और लाभप्रदता में सुधार के लिए इन तकनीकों को अपनाने की सीमा और प्रभाव का आकलन करके नवीन प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है.

पशुपालन कैटेगरी में इन्हें मिला पुरुस्कार
उन्होंने बताया कि पशुपालन श्रेणी में पटियाला जिले के गांव खेड़ी जट्टां के रणजीत सिंह स्वाइच के बेटे सिकंदर सिंह स्वाइच को सम्मानित किया गया. उनके पास 218 गायें हैं और उनका फार्म प्रतिदिन 25 क्विंटल दूध का उत्पादन करता है.

उन्होंने एक आधुनिक मिल्किंग पार्लर स्थापित किया है और सभी पशुओं की आवाजाही का रिकॉर्ड टैग के साथ रखा जाता है.

वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एक आटोमेटिक मशीन भी लगाई गई है. सभी रिकॉर्ड कंप्यूटराइज्ड हैं. उन्होंने अपना खुद का ब्रांड स्थापित किया है और स्वयं मार्केटिंग कर रहे हैं.

मुर्गी पालन में इन्होंने मारी बाजी
मुर्गी पालन श्रेणी में एमबीए स्नातक, जिला पठानकोट के श्री राजिंदर सिंह मन्हास के पुत्र श्री राकेश मन्हास को सम्मानित किया गया.

उन्होंने 2014 में ब्रॉयलर फार्मिंग शुरू की और अब वह प्रति वर्ष एक करोड़ से अधिक ब्रॉयलर बेचते हैं. उनके पास प्रतिदिन 40 हजार पक्षियों की आपूर्ति है. उनका पूरा फार्म आधुनिक तकनीकों पर काम करता है.

डेयरी कैटेगरी में किसे मिले पुरस्कार
मूल्य वर्धित उत्पादों की श्रेणी में, संगरूर जिले के गाँव दौला सिंह वाला के निवासी तेजा सिंह के पुत्र अमृतपाल सिंह को सम्मानित किया गया.

उन्होंने 2024 में गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पाद बनाकर अपना व्यवसाय शुरू किया और स्वयं मार्केटिंग करके अपने ब्रांड के तहत उत्पादों को बेच रहे हैं. उन्होंने उच्च शिक्षा भी प्राप्त की है और पहले शिक्षण पेशे से जुड़े थे.

मीट प्रोसेसिंग के लिए इन्होंने जीता पुरुस्कार
मूल्य वर्धित उत्पादों में अन्य विजेता अमृतसर निवासी गुरमीत सिंह के पुत्र रमनजीत सिंह थे. वह मीट प्रोसेसिंग में मूल्य संवर्धन का काम करते हैं.

उन्होंने 2008 में यह व्यवसाय शुरू किया और 2015 में उन्होंने अपने पूरे संयंत्र को स्वचालित कर दिया.

वह प्रतिदिन लगभग 30 क्विंटल उत्पादों का प्रसंस्करण कर रहे हैं और उन्हें अपने ब्रांड नाम से रेडी-टू-ईट उत्पादों के रूप में बेच रहे हैं.

पशुपालन, डेयरी, पोल्ट्री और मीट कैटेगरी में इन्हें मिला मुख्यमंत्री पुरस्कार, यहां पढ़ें इनकी उपब्धियां

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