Animal News: राजस्थान के इस मॉडल को देशभर में लागू कर सकती है केंद्र सरकार, मंत्री ने की तारीफ

केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल से मुलाकात करते हुए राजस्थान के मंत्री जोराराम कुमावत.

नई दिल्ली. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल और पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत के निर्देशन में पशुपालन विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा संचालित 1962-एमवीयू राजस्थान चैटबॉट को देशभर में सराहना मिल रही है. 22 अप्रैल 2025 से देश में पहली बार इनोवेशन के रूप में 1962-मोबाईल वैटेरीनरी यूनिट कॉल सेंटर के साथ संचालित व्हाट्सएप चैटबॉट ‘1962-एमवीयू राजस्थान’ में वीडियो काल द्वारा केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने टेली कंसलटेंसी सेवा संबंधी जानकारी हासिल की. 8 सितंबर-2025 को केंद्रीय राज्यमंत्री ने अचानक एमवीयू राजस्थान चैटबॉट पर संपर्क किया.

उन्होंने वीडियो कॉल द्वारा टेली कंसलटेंसी सेवा संबंधी जानकारी हासिल की. केंद्रीय राज्यमंत्री बघेल ने पशुपालन विभाग राजस्थान के इस नवाचार की सराहना करते हुए इसे अन्य राज्यों में विस्तारित करने योग्य बताया. बघेल ने राजस्थान सरकार के इस इनोवेशन के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत को बधाई दी. उनके प्रयासों की सराहना करते हुए अन्य राज्यों के लिए भी चैटबॉट मॉडल को अपनाने की बात कही है.

महाराष्ट्र सरकार अपनाएगी चैटबॉल मॉडल
इससे पूर्व महाराष्ट्र सरकार ने भी राजस्थान के 1962 चैटबॉट मॉडल की सराहना करते हुए इस मॉडल को अपने प्रदेश में अपनाने का निर्णय लिया है.

इस संबंध में 4 सितंबर-2025 को कृषि, पशुपालन, डेयरी डवलपमेंट एवं मत्स्य विभाग के उप सचिव एमबी माराले ने महाराष्ट्र में संचालित 1962 महापशुधन संजीवनी एप के माध्यम से राजस्थान की तर्ज पर वाटसएप चैटबॉट की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

क्या है वाट्सएप चैटबॉट सुविधा
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि घर आकर पशुओं का इलाज करने वाली ‘1962-एमवीयू राजस्थान’ से संबंधित वाट्सएप चैटबॉट की सुविधा शुरू की गई है। इस चैटबॉट का नंबर 9063475027 है.

इसके माध्यम से लोग तुरंत वैटनरी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. इसकी मदद से पशुपालक घर बैठे ही मोबाइल पर चैट कर पशु की बीमारी का इलाज जान सकते हैं.

इस चैटबॉट द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी, विभागीय संस्थाओं की सूची एवं गूगल मैप पर संस्था की स्थिति के साथ ही टेलीकंसलटेंसी के माध्यम से पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी सलाह भी प्रदान की जाती है.

दूरस्थ स्थानों पर निवास करने वाले पशुपालक वीडियो काल के माध्यम से काल सेंटर पर नियोजित पशु चिकित्सक से सलाह प्राप्त करते हैं तथा व्हाट्सएप पर ही प्रिस्क्रिपशन भी जारी कर दिया जाता है.

48 हजार पशुपालक चैटबॉट से लाभान्वित
सप्ताह के प्रत्येक दिन सुबह 6 से शाम 6 बजे तक संचालित इस चैटबॉट के कॉल सेंटर पर सात पशु चिकित्सकों की टीम पशुपालकों को अपनी सेवाएं प्रदान करती है.

इसी का परिणाम है कि इस चैटबॉट सेवा के प्रारंभ होने से अब तक 48 हजार से अधिक पशुपालक इसका लाभ प्राप्त कर चुके हैं.

साथ ही 8600 से अधिक पशुपालकों ने वीडियो टेलीकंसलटेंसी के माध्यम से विशेषज्ञ पशु चिकित्सा सलाह प्राप्त की है.

गौरतलब है कि ‘1962-एमवीयू राजस्थान’ चैटबॉट को बीएफआईएल, इंडसइंड बैंक तथा पशुपालन विभाग, राजस्थान के सामूहिक प्रयासों द्वारा विकसित किया गया है.

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