Animal News: पशुओं की बीमारियां दूर करने के लिए सरकार ने शुरू की कई योजनाएं, पढ़ें डिटेल

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई काम कर रही है. ताकि इसके जरिए किसानों की इनकम को बढ़ाया जा सके. सरकार का मानना है कि अगर किसान पशुपालन भी करते हैं तो विपरीत परिस्थिति में पशुपालन का बिजनेस उन्हें बहुत फायदा पहुंचाएगा. कृषि में नुकसान होने से पशुपालन की वजह से किसान खुद को संभाल सकेंगे. पशुपालन वैसे तो बेहतरीन काम है लेकिन पशुओं में फैल रही बीमारी की वजह से इसमें बहुत नुकसान होता है. इस वजह से सरकार पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) में संशोधन को मंजूरी दी गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) में संशोधन को मंजूरी दी है. इसमें कई योजनाओं को शामिल किया गया है. ताकि किसानों को इससे फायदा पहुंचाया जा सके.

3880 करोड़ की है परियोजना
बता दें कि एलएचएंडडीसी के तीन हिस्से हैं, गंभीर पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (सीएडीसीपी), स्थिर पशु चिकित्सा, दवाखाने की स्थापना और वैज्ञानिकता मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई (ईएसएवीएचडी-एमवीयू) और पशु रोग नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता (एएससीएडी). एलएचडीसीपी योजना में पशु औषधियों को एक नए हिस्से के रूप में जोड़ा गया है. दो वर्षों यानी 2024-25 और 2025-26 के लिए कुल योजना 3880 करोड़ रुपये की है, जिसमें पशु औषधि घटक के तहत अच्छी गुणवत्ता वाली और गुणवत्ता वाली जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाएं और दवाओं की बिक्री के प्रोत्साहन के लिए 75 करोड़ रुपये की परियोजना शामिल है.

डोर-स्टेप जांच से मिलेगा फायदा
दांतों की श्रेणी खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रूसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (पीपीआर), सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ), लम्पी स्किन बीमारी आदि के कारण विपरीत रूप से प्रभावित होते हैं. एलएचडीसीपी के संचालन से वैक्सीनेशन के माध्यम से इसपर रोक लगाकर इन नुकसानों में कमी लाई जाएगी. यह योजना मोबाइल पशु चिकित्सा लिंट्स (ईएसवीएचडी-एमयूवी) के हिस्से के माध्यम से पशुधन स्वास्थ्य देखभाल की डोर-स्टेप जांच और किसान-किसान समृद्धि केंद्र और सह-विभाग नेटवर्क के माध्यम से जेनेरिक पशु चिकित्सा दवा-पशु चिकित्सा की योजनाओं में सुधार का भी समर्थन करती है.

रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे
इस प्रकार यह है योजना टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य उपकरण के माध्यम से पशु धन के बीमारियों को रोकने और नियंत्रित करने में मदद देगी. इस योजना से ढांचागत सुधार होगा. रोजगार पैदा होगा, ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा और बीमारी के बोझ के कारण किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान को कम किया जा सकेगा.

Exit mobile version