Fish Farming: मछली पालन शुरू करने के लिए सरकार दे रही है लाखों रुपए की मदद, यहां करें आवेदन

The States and UTs have been advised to implement the clusters based approach for development of fisheries and aquaculture. Based on the request received from the Andaman and Nicobar Administration, development of Tuna fisheries cluster in Andaman & Nicobar Islands has been notified under PMMSY.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए भी कई काम कर रही है. ताकि किसानों की इनकम को मछली पालन के जरिए भी बढ़ाया जाए. जहां एक ओर पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर मछली पालन को भी बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. बिहार जैसे राज्य में जहां बहुत से लोगों के पास रोजगार का संकट है, वहां पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग मत्स्य निदेशालय की ओर से संबंध में कई काम किया जा रहे हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मछली पालन के काम से जुड़ें और अपनी आजीविका का एक और साधन जोड़ लें. इससे राज्य में मछली उत्पादन भी बढ़ेगा.

बिहार सरकार की ओर से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. जिसके जरिए मछली पालकों की भी मदद की जा रही है और उन लोगों की मदद की जा रही है जो लोग इस काम में नए सिरे से जुड़ना चाह रहे हैं. सरकार लोन और सब्सिडी देकर मछली पालन के काम को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इसके अलावा भी सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं.

किसे कितनी मिलेगी सब्सिडी
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग मत्स्य निदेशालय की ओर से सात निश्चय—2 के तहत वित्तीय वर्ष 2025—26 के लिए मुख्यमंत्री समेकित कर विकास योजना के तहत आवेदन मांगे गए हैं. इसके लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है. गौरतलब है कि एक हेक्टेयर रकबा में दो तालाब निर्माण करने के लिए 8.88 लख रुपए प्रति हेक्टेयर लागत आएगी. वहीं एक हेक्टेयर रकबा में चार तालाब निर्माण करने में 7.2 लाख प्रति हेक्टेयर की लागत आएगी. जबकि एक हेक्टेयर रकबा में एक तालाब का निर्माण और भूमि विकास करने में 9.69 लाख प्रति हेक्टेयर की लागत आएगी. सरकार योजना के तहत अन्य वर्ग के लिए 50 फीसस एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए 70 फीसद सब्सिडी देगी. वहीं उद्यमी आधारित 40 फीसद अनुदान दिया जाएगा.

इन कागजात की पड़ेगी जरूरत

  1. व्यक्तिगत और समूह यानि फायदा पालने वालों द्वारा सेल्फ सर्टि​फाइड दो पासपोर्ट साइज के फोटो देना होगा.
  2. आधार कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, समूह में कार्य करने की सहमति-पत्र देना होगा.
  3. उद्यमी फायदा पाने वालों द्वारा सेल्फ सर्टिफाइड निबंधन प्रमाण-पत्र, विगत तीन वर्षों का अंकेक्षण विवरण एवं आयकर रिटर्न देना होगा.
  4. पैन कार्ड, जीएसटी प्रमाण-पत्र, भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र, लीज एकरारनामा लगाना होगा.
  5. मत्स्य प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र तथा मत्स्य आधारित उद्यम संचालन का अनुभव रखने वाले आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी.
  6. अगर आप सरकारक की इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं तो fisheries.bihar.gov.in पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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