Fish Farming: बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करने के फायदे और नुकसान के बारे में पढ़ें यहां

fish farming in tank

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन का परंपरागत तरीका तालाब में मछली पालन करना है, लेकिन अब कई ऐसे नए तरीके ईजाद हो गए हैं, जिसकी वजह से मछली पालन में मुनाफा कई गुना बढ़ रहा है. मछली किसान इन तरीकों को अपनाकर अपनी इनकम को 2 गुना 3 गुना कर रहे हैं. इन्हीं तरीकों में बायोफ्लाक सिस्टम के तहत मछली पालन करना भी आता है. जिसमें कम जगह में ज्यादा फायदा कमाया जा सकता है. इस आर्टिकल में लाइव स्टक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) आपको बताने जा रहा है कि बायोफ्लाक मछली पालन के फायदे और नुकसान क्या हैं.

मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश (Fisheries Department, Uttar Pradesh) के मुताबिक बॉयोफ्लाक मछली पालन के फायदे और नुकसान दोनों हैं. अगर आप इस तरीके से मछली पालन करना चाहते हैं तो ये आपको फायदा भी पहुंचा सकता है, जबकि इसमें नुकसान भी हो सकता है. आइए इस बारे में जानते हैं.

फायदा क्या है
बायोफ्लॉक सिस्टम के तहत मछली पालन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे छोटी जगह में भी आप ज्यादा मछलियों को पाल सकते हैं.

इसके लिए अंदर पानी की खबर बेहद ही कम होती है. यानी कम पानी में आप ज्यादा मछलियों को पाल सकते हैं.

अच्छी बात यह भी है कि इसमें मछलियों का खाना उनके वेस्ट से ही तैयार हो जाता है. इसका मतलब यह है कि फीड पर खर्च भी बेहद ही काम हो जाता है.

नुकसान क्या है
हालांकि इसका नुकसान यह है कि इस तरह की फार्मिंग में हर वक्त बिजली और एयरेशन की जरूरत होती है.

जिसके तहत मछलियों को ऑक्सीजन मिलता रहता है. अगर इसकी कमी होती है तो मछली पालन में नुकसान हो सकता है. मछलियों की मौत हो सकती है.

क्योंकि इसमें कभी भी बिजली अगर बंद हो गई या पानी की क्वालिटी खराब हो गई तो पूरा मछलियों का बैच खराब हो जाता है.

निष्कर्ष
बायोफ्लाक सिस्टम के तहत मछली पालन करने में लगातार निगरानी रखनी पड़ती है. ताकि टेक्निकल दिक्कत ना आए. इसमें फायदा और नुकसान दोनों है.

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