Home Blog Wildlife SOS: सर्कस से बचाकर लाई नेत्रहीन सूज़ी ने पूरे किए 74 वर्ष, 60 साल कैद में रहकर झेली प्रताणना
Blogपशुपालन

Wildlife SOS: सर्कस से बचाकर लाई नेत्रहीन सूज़ी ने पूरे किए 74 वर्ष, 60 साल कैद में रहकर झेली प्रताणना

Elephant Rescue Centre, blind Elephant suzy
नेत्रहीन सूज़ी को चारा खिलाता कर्मचारी

नई दिल्ली. वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा संचालित हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र (ईसीसीसी) में 74 वर्षीय निवासी हथिनी सूज़ी ने आज़ादी के 9वें वर्ष पूरे किए, सूज़ी एक नेत्रहीन पीड़ित हथिनी हैं, जिसके लिए यह आज़ादी का सफ़र आसान नहीं था. सूज़ी की यह स्वतंत्रता की यात्रा हर उस हाथी के लिए आशा की किरण है, जो आज भी दर्द के कारण लोगों को मनोरंजित करने के लिए मजबूर हैं. 2015 में वाइल्डलाइफ एसओएस के पुनर्वासन केंद्र में पहुंचने के बाद सूज़ी में उल्लेखनीय शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन आया है. समर्पित कर्मचारियों और देखभाल करने वालों के ध्यान के साथ, सूज़ी हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में मौजूद सभी हाथियों में सबसे उम्रदराज़ हथिनी है.

आंध्र प्रदेश में सर्कस से बचाई गई सूज़ी की कहानी करुणा से भरी हुई है. जीवन के महत्वपूर्ण 60 वर्षों, इस पूर्ण रूप से नेत्रहीन हथिनी ने कैद में गुज़ारे, क्रूरता का सामना किया और लोगों के मनोरंजन के लिए असहनीय पीड़ा को साहा, लेकिन नौ साल पहले, सूज़ी का जीवन हमेशा के लिए बदल गया जब वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम उसकी सहायता के लिए आगे आई और उसे उसके अतीत से मुक्त कराया.


विटामिन की खुराक दी जाती हैं
अपनी बढ़ती उम्र के कारण सूज़ी की विशेष देखभाल की जाती है. उसको नियमित रूप से पेडीक्योर और विटामिन की खुराक दी जाती हैं. वह दोनों आंखों से अंधी है और उसकी देखभाल करने वाले लोग समर्पित रूप से उसके आराम और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं.

सर्दियों में गर्म हर्बल तेलों से मालिश की गई
वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप- निदेशक, डॉ. इलियाराजा, ने बताया, “हाल ही में, हमारे शीतकालीन देखभाल प्रबंधन के रूप में, सूज़ी के उपयुक्त रक्त संचारण में सहायता के लिए उसे गर्म हर्बल तेलों से मालिश भी की गई और उसी के साथ- साथ ही आवश्यक पोषक तत्वों और पूरक आहार से युक्त एक अनुकूलित आहार भी दिया जा रहा है.”

60 साल कैद में रही सूज़ी
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “जैसा कि सूज़ी ने अपनी आजादी के 9वें वर्ष पूरे कर लिए हैं, यह वाइल्डलाइफ एसओएस के लिए एक महत्वपूर्ण बात है. 60 साल की कैद के दौरान सूज़ी के दर्द को समझना मुश्किल है. हमने उसे उस पीड़ा से बचाने के लिए कड़ी मेहनत की है. सूज़ी आज स्वतंत्रत है, और अब वह प्यार और देखभाल से भरा जीवन जी रही है.”

ताजा फल-सब्जी दीं जाती हैं
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “सूज़ी का जीवन अब करुणा और देखभाल से भरा है. हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में हमारी टीम यह सुनिश्चित करती है कि सूज़ी की अच्छी तरह से देखभाल की जाए. सूज़ी को स्वस्थ आहार मिलता है. ताज़ी सब्जियां और विशेष रूप से अपने हरे चारे को खाने से वे उसे पहले अपने पैरों पर मार कर उसे साफ़ भी करती है.”

सूज़ी के लिए बनाया गया है विशेष डिश ‘सूज़ी स्मूदी’
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा, “सूज़ी पूर्ण रूप से नेत्रहीन है एवं उसकी दाढ़ भी नहीं है, यही कारण है कि उसके लिए एक विशेष तरह का आहार दिया जाता है. फलों को आसानी से खाने के लिए उसके फलों को गोद कर स्मूदी बनाई जाती है, जिसे हम ‘सूज़ी स्मूदी’ भी कहते हैं.

Written by
Livestock Animal News Team

Livestock Animal News is India’s premier livestock awareness portal dedicated to reliable and timely information.Every news article is thoroughly verified and curated by highly experienced authors and industry experts.

Related Articles

goat farming
पशुपालन

Goat Farming: बकरियों की रुकी ग्रोथ को कैसे बढ़ाएं, जानें क्या खिलाएं

बकरियों को असालिया खिलाते हैं तो उनका पाचन सुधरता है और रोग...

छोटे जुगाली करने वाले पशुओं में, मादा जुड़वां या तीन बच्चों को पालने में असमर्थ हो सकती है और एक या अधिक बच्चे गर्भ में ही खत्म होने का खतरा हो सकता है.
पशुपालन

Cow: गो उत्पाद बनाना और इससे कमाई करना चाहते हैं तो यहां से लें ट्रेनिंग

आप भी इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का फायदा उठाकर गो उत्पाद बनाने की...

जाफराबादी भैंस गुजरात के जूनागढ़, भावनगर और अमरेली जिलों में पाई जाती है.
पशुपालन

Animal: पशु नहीं कर रहा है जुगाली, पेट में है गड़बड़ तो ऐसे करें इलाज

यदि आपका पशु ज्यादा वजन वाला है. यानि उसका वजन दो ढाई...