Broiler Chicken: ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्मिंग में आई मंदी की मार से किस तरह बचें फार्मर्स, एक्सपर्ट ने दिऐ ये टिप्स

पोल्ट्री शेड के निर्माण के लिए ऊंची भूमि का चयन करना चाहिए. कुछ चट्टान वाली जगह होती है, वे ज्यादा अच्छी होती हैं. शेड ऊंची होती है, तो उसके पास जल का भराव नहीं हो पाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. इस समय चूजे महंगे हैं और मुर्गे का रेट आधा मिल रहा है. इसी वजह से पोल्ट्री फार्मर को बेहद ही नुकसान हो रहा है. बड़े पैमाने पर ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्मिंग करने वाले फार्मर्स झटका लग रहा है. इससे बड़े-छोटे हर तरह के इंटीग्रेटर प्रभावित हो रहे हैं. जब इस मसले पर आईबी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर बहादुर अली से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा तकलीफ बड़ी इंटीग्रेशन कंपनियों को हो रही है. क्योंकि उनके पास संख्या ज्यादा है. इसलिए उनको नुकसान ज्यादा हो रहा है. हर कंपनी इस नुकसान से बचने के लिए अपने तरीके से काम कर रही है. जैसे कंपनियां नुकसान से बचने के लिए इंटीग्रेशन कम कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि फरवरी और मार्च का महीना मंदी का महीना माना जाता है. अनुमान रहता है कि इस दौरान मंदी रहती है. हालांकि इस बार मंदी का असर कुछ ज्यादा ही है. कहीं न कहीं ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्मिंग में महाकुंभ का भी असर दिखाई दे रहा है.

गलती कर जाते हैं पोल्ट्री फार्मर्स
बहादुर अली बताया कि अब ऐसे में कुछ सावधानी रखने की जरूरत है. पोल्ट्री फार्मर को फार्म के अंदर मुर्गों की संख्या को कम करना चाहिए. अगर अप्रैल तक ऐसा करने में सफलता मिल गई तो मंदी की मार से उभरा जा सकता है. पोल्ट्री इंडस्ट्री एक बार फिर से प्लेटफार्म पर आ जाएगी. उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्री का एक माइनस पॉइंट यह है कि जैसे दाम अच्छे मिलने लगते हैं तो इंडस्ट्री के लोग एक्साइटेड होकर इनवेस्टमेंट मोड में आ जाते हैं. ओवर प्लानिंग कर देते हैं. चिक्स को डाल देते हैं और बड़े पैमाने पर पोल्ट्री फार्मिंग शुरू कर दी जाती है. इस इसके चलते इस तरह की मंदी में नुकसान उठाना पड़ता है.

इस तरह से मंदी की मार से बचें
बहादुर अली ने कहा कि हम लोग पैसा इसलिए नहीं कमाते हैं कि उसे इन्वेस्टमेंट करके लॉस कर दें. इसलिए कमाते हैं कि हम अपने आप को मजबूत बनाएं. अगर पोल्ट्री इंडस्ट्री में कामयाब बनना है तो पोल्ट्री फार्मर के पास सिर्फ एक ही बिजनेस नहीं होना चाहिए. उसे दो-तीन बिजनेस करना चाहिए. मसलन फार्मर्स प्रोसेसिंग यूनिट, फीड यूनिट लगा सकते हैं. जिस तरह से आईबी ग्रुप एक साथ चार बिजनेस करता है, सिर्फ एक बास्केट में पूरा इंवेस्ट नहीं करता है, ठीक उसी तरह से पोल्ट्री फार्मर को सोचना पड़ेगा. अलग—अलग बिजनेस में इंवेस्ट करना होगा. अगर ऐसा करते हैं तो नुकसान नहीं होगा. उन्होंने ये भी स्वीकारा की ब्रॉयलर चिकन के लिए आने वाला चार—पांच साल मुश्किल है. हालांकि इसे हम लोग सिर्फ और सिर्फ सेल्फ कंट्रोल से यह काम कर सकते हैं.

Exit mobile version