Scheme: भैंस के साथ डेयरी फार्मिंग शुरू करने का बेहतरीन मौका, सरकार दे रही है आर्थिक मदद

murrah buffalo livestock

प्रतीकात्मक फोटो:

नई दिल्ली. जब कोई भी किसान या कोई अन्य व्यक्ति डेयरी फार्म खोलने का विचार करता है तो भैंस को पालना उसकी पहली प्रा​थमिकता होती है. क्योंकि भैंस गाय की अपेक्षा ज्यादा दूध देती है और उसका दूध भी महंगा बिकता है. वहीं जब भैंस दूध देना बंद कर देती है तो उसे स्लाटर हाउस में भेजकर भी इनकम हासिल की जा सकती है. इसलिए भैंस को प्राथमिकता दी जाती है. जिसका सीधा सा मतलब है कि भैंस पालने से पशुपालकों को ज्यादा आमदनी होती है. जिसके चलते ज्यादातर लोग भैंस को पालते हैं.

जहां एक ओर सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है तो वहीं दूसरी ओर डेयरी फार्म के बिजनेस में भैंस की अहमियत को भी समझती है. यही वजह है कि भैंस पालने के लिए किसानों की मदद भी की जाती है. बिहार सरकार की ओर से भैंस से डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने के लिए योजना चलाई जा रही है. इस योजना का फायदा उठाकर आप भैंस खरीद सकते हैं और फिर डेयरी फार्मिंग का बिजनेस करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं, तो आइए इस बारे में जानते हैं कि भैंस को लेकर बिहार सरकार की ओर से किस तरह की योजना चलाई जा रही है.

क्या है समग्र भैंस पालन योजना
एक या फिर दो उन्नत नस्ल के दुधारू भैंस की डेयरी इकाई के लिए बिहार सरकार की तरफ से पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 75 फीसदी तथा अन्य सभी वर्गों के लिए 50 फीसद अनुदान की योजना चलाई जा रही है.

ग्रामीण क्षेत्र के किसानों, बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए सरकार ने इस योजना को शुरू किया है.

दो उन्न्त नस्ल के दुधारू भैंस की डेयरी इकाई स्थापित करने के लिए आवेदन देने का सुनहरा अवसर है.

अगर आप योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन वेबसाईट dairy.bihar.gov.in पर भरे सकते हैं.

योजना का संचालन राज्य के सभी जिलों में संबंधित जिला के जिला गव्य विकास पदाधिकारी और सम्बद्ध जिला गव्य विकास पदाधिकारी किया जा रहा है.

ऑनलाइन आवेदन 25 जून 2025 से 25 जुलाई 2025 तक भरे जायेंगे. अधूरी जानकारी गलतियों वाले आवेदन पर विचार नहीं किया जायेगा.

आवेदन के साथ फोटोग्राफ, आधार कार्ड, जमीन का अद्यतन रसीद, जाति प्रमाण पत्र, विभागीय प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक आदि अपलोड करना आवश्यक है.

विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिला के जिला गव्य विकास पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं. ये जानकारी निदेशक गव्य विकास निदेशालय बिहार सरकार की ओर से दी गई है.

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