Career News: बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शुरू हुए ये नए कोर्स, यहां पढ़ें डिटेल

छात्रों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. बिहार के युवाओं के लिए इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक की पढ़ाई में सुनहरा मौका है. अगर आप भी इस मौके की तलाश में थे तो इसे हाथ से न जाने दें. राज्य सरकार ने कई नए कोर्स शुरू किए हैं और सीटों की संख्या भी बढ़ाई है, जिससे ज्यादा छात्रों को तकनीकी शिक्षा का फायदा मिलेगा. नए कोर्सेज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, रिन्युएबल एनर्जी और साइबर सिक्योरिटी जैसे आधुनिक विषय शामिल किए गए हैं. सरकार का लक्ष्य तकनीकी संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना है. इससे छात्रों को फायदा​ मिलेगा और वो आगे चलकर अपना कॅरियर बना पाएंगे.

बताते चलें कि वैशाली इंजीनियरिंग कॉलेज में इस साल से फूड टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट कोर्स की पढ़ाई शुरू हो रही है. इसमें 30 सीटें होंगी और नामांकन जेईई और बीसीईसीईबी के जरिए किया जाएगा. वैशाली जिले में पहले से ही कई फूड प्रोसेसिंग यूनिट हैं, जिससे छात्रों को प्रैक्टिकल अनुभव भी मिल सकेगा. ताकि इसका भी उन्हें फायदा मिले.

यहां होगी लेदर टेक्नोलॉजी की पढ़ाई
सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज मुजफ्फरपुर में लेदर टेक्नोलॉजी की पढ़ाई शुरू होगी. इसमें भी 30 सीटें निर्धारित की गई हैं और इसे एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त है. मुजफ्फरपुर के बेला क्षेत्र में पहले से चमड़ा उद्योग मौजूद है, जहां से छात्रों को इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के मौके मिल सकते हैं. वहीं पटना के नए राजकीय पॉलिटेक्निक में सीटें दुगनी हुईं नवीन राजकीय पॉलिटेक्निक में अब सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच में सीटों की संख्या 60 से बढ़ाकर 120 कर दी गई है. ये सभी शाखाएं एनबीए से मान्यता प्राप्त हैं. इससे ज्यादा छात्र अब इन लोकप्रिय ब्रांचों में पढ़ाई कर सकेंगे.

इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन शुरू कर दिया गया है
बिहार के 38 जिलों में फैले राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में इस साल बीई और बीटेक की 14,469 सीटों पर दाखिला होगा. नामांकन जेईई और बीसीईसीईबी परीक्षा के आधार पर होना है. जल्द ही बीसीईसीईबी का परिणाम आने वाला है. इच्छुक छात्र काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए वेबसाइट पर नजर रखें. वहीं देश में सबसे कम फीस वाले इंजीनियरिंग कॉलेजः इन सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की फीस महज 5 से 10 रुपए प्रतिमाह है, जो देश के किसी भी राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस से काफी कम है. यह पहल राज्य सरकार द्वारा तकनीकी शिक्षा को अधिक सुलभ और समावेशी बनाने के उद्देश्य से की गई है.

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