Poultry Farming : इन लक्षणाें से जानें मुर्गी की हेल्थ

Poultry farming: Not only airborne infections, but also water can spread disease in chickens, Livestocknews.com

फार्म में चारा खाती मुर्गियां. live stock animal news

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग का व्यवसाय भी आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रियता हासिल कर चुका है. बहुत से किसान इस व्यवसाय को कर रहे हैं और बहुत से लोग करने की सोच रहे हैं. दरअसल, इस व्यवसाय को कम लागत में किया जा सकता है और इसमें अधिक मुनाफा भी कमाया जा सकता है. देखा जाए तो तेजी से बदलते समय में लोगों का रुझान नौकरियों की ओर से हट रहा है और लोग खुद का बिजनेस करने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए पोल्ट्री फार्मिंग एक अच्छा विकल्प भी साबित हो रहा है.

एक्सपर्ट के मुताबिक पर मुर्गी पालन का व्यवसाय है तो बहुत अच्छा है लेकिन इसमें बहुत सारी जानकारी होना भी एक पोल्ट्री फार्मर के लिए जरूरी है. मुर्गी पालन व्यवसाय में सबसे बड़ी समस्या मुर्गियों में होने वाली बीमारियों से होती है. कई बार इन बीमारियों की वजह से पोल्ट्री फार्म बंद हो जाता है. ऐसे में अगर पहले से ही बीमारियों के प्रति जानकारी नहीं रही तो मुर्गी पालन को नुकसान हो सकता है. इसलिए पोल्ट्री फार्मर को पहले से ही जानकारी हासिल कर लेना चाहिए. इस आर्टिकल में आपको इससे संबंधित कई अहम जानकारी दी जा रही है.

अपनी आंखें बंद कर लेती हैं: बीमार मुगे-मुर्गियां एक जगह इकट्ठा होने लगते हैं. कुछ मुर्गियां अपनी आंखें बंद करके और सिर झुका के बैठती हैं. इसका मतलब है कि मुर्गी बीमार हैं. बीमारी मुर्गियां कम चारा और पानी खाती हैं और या तो कम पानी पीती हैं या पानी पीना बिल्कुल बंद कर देती हैं. वहीं कुछ मुर्गियां बीमारियों के दौरान ज्यादा पानी पीती हैं. बीमारी के दौरान मुर्गियों के पंख ढीले होकर लटक जाते हैं. मुर्गियों के पंखों की सजावट असंतुलित हो जाती है. कभी-कभी पर भी अजीब से हो जाते हैं. जिस वजह से मुर्गियां लंगड़ा कर चलती हैं. वह खड़ी होने में असमर्थ हो जाती हैं. और अधिकतर बैठी रहती हैं.

उत्पादन भी कम हो जाता है: पेचिस होने पर फलियों का रंग हरा, पीला सफेद या लाल हो जाता है. मुर्गियों का उत्पादन कम हो जाता है. साथ ही अंडे का उत्पादन भी कम हो जाता है. मुर्गियों के पंख सूख जाते हैं. इसका रंग बदल जाता है. वहीं चमक भी कम हो जाती है. मुर्गियों के शरीर का तापमान भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. नाक, आंख और मुंह से पानी निकलने लगता है. मुर्गियों को सांस लेने और छींकने में बेहद दिक्कतों का सामना करना होता है. आंखें अटक जाती हैं. चूजे और मुर्गियों बीमारियों के कारण मर भी जाते हैं.

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