Green Fodder: इस चारा फसल से पशुओं को मिलते हैं कई पोषक तत्व, यहां पढ़ें इसकी सभी खासियतें

चाइनीज कैबेज की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. चाइनीज कैबेज यानि पत्तगोभी का वैसे तो इंसान भी इस्तेमाल करते हैं लेकिन ये पशुओं के लिए भी बेहद ही पौष्टिक हरा चारा है. क्योंकि इसके अंदर कई तत्व हैं जो पशुओं को दूध उत्पादन करने में मदद करते हैं. जैसे चाइनिज कैबेज में विटामिन बी9, सी, के, मैग्नीशियम, और बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व हैं. जो पशुओं को भरपूर आहार का काम करते हैं. डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के एक्सपर्ट का कहना है कि ये पशुओं में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत करने और मस्तिष्क व तंत्रिका स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मददगार हैं.

एक्सपर्ट का कहना है कि इसे थोड़ी मात्रा में दिया जाना ज्यादा बेहद होता है. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद फाइबर और रैफिनोज गैस और सूजन पैदा कर सकते हैं, और बहुत अधिक मात्रा में थायोसाइनेट थायरॉइड ग्रंथि को प्रभावित कर सकता है.

चारा फसल के बारे में यहां पढ़ें
जानकारी के लिए बता दें कि कैबेज सर्दियों के मौसम की महत्वपूर्ण छोटी अवधि वाली चारा फसल है.

इसको आमतौर पर जई, बरसीम और रिजका आदि रबी फसलों के साथ मिलाकर बोया जाता है. इन फसलों के साथ मिलाने पर प्रथम कटाई में ज्यादा चारा पैदा होता है.

खेत तैयार करने के लिए एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और उसके बाद 2-3 बार हैरो करना चाहिए.

बुवाई कतारों में 45 सेमी. की दूरी पर 4-5 किग्रा. बीज प्रति हैक्टेयर की दर से करनी चाहिए.

चाइनीज कैबेज की बुवाई के लिए सही समय सितम्बर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े तक है.

सिंचित क्षेत्रों में 90 किग्रा नाइट्रोजन, 40 किग्रा. फोस्फोरस और 40 किग्रा. पोटाश प्रति हैक्टेयर के साथ 25 किग्रा. सल्फर प्रति हैक्टेयर की दर से इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

बुवाई के 15-20 दिन बाद, पौधों के बीच की दूरी, छंटाई के द्वारा 15 सेमी. पर व्यवस्थित करनी चाहिए.

बुवाई के 45-50 दिन बाद फसल की कटाई करनी चाहिए. चारा उत्पादन की बात की जाए तो 25-30 टन एक हेक्टेयर में मिल जाएगा.

Exit mobile version