Dairy Farming Business: डेयरी फार्म की शुरुआत गाय से करें या ​भैंस से, किस नस्ल का करें चुनाव ये भी जानें

cow and buffalo cross breed

गाय और भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. यदि कोई भी डेयरी फार्मिंग का काम शुरू करना चाहता है तो सबसे पहला जो सवाल उसके दिमाग में आता है, वह यह होता है कि डेयरह फार्मिंग का काम गाय पालकर शुरू किया जाए या फिर भैंस को पालकर किया जाए. अगर गाय से डेयरी फार्मिंग का काम शुरू किया जाए तो किस नस्ल की गाय को पाला जाए? जिससे डेयरी फार्मिंग मुनाफा हो, या फिर भैंस पालन कर डेयरी फार्मिंग की जाए तो किस नस्ल की भैंस को पाला जाए? जिससे ज्यादा दूध का उत्पादन हो और मुनाफा इसमें ज्यादा से ज्यादा मिले.

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि डेयरी फार्मिंग का काम किसान मुनाफा कमाने के लिए करते हैं. अगर उन्हें मुनाफा ही नहीं मिलता तो इस काम को करने का कोई फायदा नहीं है. मुनाफा कमाने के लिए जरूरी है कि गाय या भैंस फार्मिंग का काम करने में किस नस्ल को चुनना है, इसकी जानकारी जरूर कर ली जाए.

इन नस्लों की भैंस से शुरू करें डेयरी फार्म
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है अगर भैंस से डेयरी फार्मिंग का काम शुरू करना चाहते हैं तो मुर्राह नस्ल की भैंस को पालना चाहिए. क्योंकि इसके दूध में फैट भी अच्छा होता है और एसएनएफ भी ज्यादा होता है. वहीं यह अन्य दूसरी भैंसों के मुकाबले दूध का उत्पादन भी ज्यादा करती है. इसके अलावा जाफराबादी नस्ल की भैंस को भी पाला जा सकता है. क्योंकि वह भी दूध ज्यादा देती है लेकिन उसका मिल्किंग पीरियड सिर्फ 7 महीने का होता है. यानि 7 महीने तक से दूध देती है. बाकी 5 महीने ड्राई पीरियड में रहती है. यदि आप भैंस से डेयरी फार्मिंग का काम शुरू करना चाहते हैं तो मुर्राह भैंस से फार्मिंग का काम शुरू कर सकते हैं.

गायों में मिलेगा कई विकल्प
यदि आप गाय से डेयरी फार्मिंग का काम शुरू करना चाहते हैं तो गाय में कई सारे ऑप्शन हैं. आप हॉलिस्टिन गाय को पाल सकते हैं. यह सबसे ज्यादा दूध देने का काम करती है. वहीं जर्सी नस्ल की गाय को भी पाल सकते हैं. इससे दूध का उत्पादन भी ज्यादा मिलेगा. वहीं ये गाय दूध भी ज्यादा देती है. उसके दूध में फैट भी ज्यादा होता है और इसका दाम भी आपको अच्छा मिलता है. अगर आप देसी नस्ल की गाय पालना चाहते हैं तो इसका दूध महंगे दाम पर बिकता है. साहीवाल नस्ल को भी पाल सकते हैं और इसका दूध अच्छा भी होता है. अगर आप राजस्थान के इलाके से हैं जहां पानी की कमी है तो वहां पर थारपारकर नस्ल गाय को पाला जा सकता है.

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