नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग के काम में पशुओं से ज्यादा उत्पादन लेने के लिए पशुपालक भाई कई जतन करते हैं लेकिन एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन की सटीक जानकारी के बिना पशुपालक भाई अच्छा उत्पादन नहीं ले सकते हैं. जबकि बेहतर उत्पादन लेने के लिए जरूरी है कि एक्सपर्ट की सलाह को भी माना जाए और पशुओं को क्या खिलाना है? कब खिलाना है? कैसे खिलाना है? इन तमाम बातों की जानकारी कर ली जाए. इससे बेहतर उत्पादन मिलेगा और पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग के काम में अच्छा खासा मुनाफा मिलेगा.
डेयरी फार्मिंग के काम में पशुओं के चारे में ड्राई मैटर के बारे में तो आपने कभी ना कभी सुना ही होगा. ड्राई मैटर का मतलब चारे में मौजूद पानी को छोड़कर बाकी ठोस पदार्थ हैं. अगर इसे आसान शब्दों में समझा जाए तो यह चारे का वो हिस्सा है जिसमें पोषक तत्व होते हैं. पोषक तत्वों से आप समझ ही गए होंगे कि यह पशुओं के लिए कितना जरूरी होता है और इससे दूध उत्पादन बढ़ाने में भी मदद मिलती है. जबकि पशुओं को चुस्त और दुरुस्त रखने में भी ड्राई मैटर बेहद ही जरूरी होता है.
चारे में कितना होता है ड्राई मैटर
बता दें कि पशुओं को जीवित रहने बढ़ने और दूध उत्पादन जैसे कामों के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो चारे के ड्राई मैटर में मौजूद होते हैं. चारे में नमी की मात्रा पोषक तत्वों की मात्रा को प्रभावित करती है, लेकिन पशुओं के पोषक तत्व सीधे नमी से नहीं मिलते हैं. यदि किसी चारे में 80 फीसद नमी है तो उसका ड्राई मैटर 20 परसेंट होगा. चारे में ड्राई मैटर की मात्रा को ओवन में सुखाकर यह अन्य तरीकों से भी निर्धारित किया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि चारे में ड्राई मैटर की मात्रा को जानना भी बेहद ही जरूरी है. ताकि पशु को उसकी आवश्यकता के अनुसार सही मात्रा में पोषक तत्व मिल सके.
ड्राई मैटर के फायदे क्या हैं
ड्राई मैटर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन और खनिज जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो पशुओं के स्वास्थ्य और विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. हरे चारे में सूखे चारे की तुलना में ज्यादा पचने वाले गुण होते हैं लेकिन सूखे चारे की उचित मात्रा पशुओं को जरूरी पोषक तत्व देती है. ड्राई मैटर उचित मात्रा पशुओं को मिलता है तो उउसकी दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ जाती है. जबकि वजन बढ़ाने और साथ ही प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी मदद मिलती है. बता दें कि मोटे चारे में मौजूद फाइबर पशुओं के पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है, जिससे कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है.