Dairy Sector: डेयरी सेक्टर को बढ़ाने के लिए NDDB ने बताया अपना विजन, 2047 का है ये प्लान

According to FSSAI, Mobile Food Testing Laboratory (MFTL), also known as “Food Safety on wheels” (FSW), play a crucial role in expanding food testing, training, and awareness programs, particularly in villages, towns, and remote areas.

दूध की प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की ओर से आने वाले वर्षों के लिए रोडमैप बनाया गया है. 2047 तक, भारत का लक्ष्य डेयरी क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बनना है, बल्कि एक वैश्विक मानक भी बनना है. इनोवेशन, समावेशिता और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करके, एनडीडीबी डेयरी क्षेत्र को ग्रामीण समृद्धि, महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय गौरव का स्तंभ बना रहा है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने बताया कि एनडीडीबी भारत के डेयरी क्षेत्र को एक वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी, समावेशी और टिकाऊ उद्योग में बदलने का लक्ष्य रखता है. भारत 239 मिलियन टन वार्षिक दूध उत्पादन के साथ सबसे बड़ा दूध उत्पादक है. एनडीडीबी पांच रणनीतिक स्तंभों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

भारत की लगभग आधी गोजातीय आबादी कम उपज देने वाली, अज्ञात नस्लों की है. इसका टारगेटट प्रति पशु दूध उत्पादन को 2,080 किलोग्राम प्रति वर्ष से बढ़ाकर 5,200 किलोग्राम करना है. एनडीडीबी, पशुपालन विभाग के साथ मिलकर, राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम जैसी योजनाओं के तहत कृत्रिम गर्भाधान, लिंग-निर्धारण वीर्य, ​​आईवीएफ और जीनोमिक तकनीकों के माध्यम से आनुवंशिक सुधार में निवेश कर रही है.

3.5 लाख गांवों तक पहुंचने का है टारगेट
दूध का केवल एक-तिहाई संगठित माध्यमों से ही मिलता है. एनडीडीबी का लक्ष्य श्वेत क्रांति 2.0 के तहत 75 हजार नई डेयरी समितियों सहित सहकारी समितियों का दायरा 1.7 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख गांवों तक करना है. इससे उचित मूल्य निर्धारण, गुणवत्ता नियंत्रण, पता लगाने की क्षमता और छोटे उत्पादकों के लिए बेहतर बाजार पहुंच सुनिश्चित होगी.

किसानों को होगा फायदा
दही, पनीर, प्रोटीन युक्त डेयरी और अन्य उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए, एनडीडीबी सहकारी समितियों में VAP की हिस्सेदारी को 25 फीसद से बढ़ाकर 50 परसेंट करने की योजना बना रहा है. जिससे किसानों को फायदा होगा.

निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी
शीर्ष दूध उत्पादक होने के बावजूद, भारत की वैश्विक डेयरी निर्यात हिस्सेदारी 1 फीसद से भी कम है. NDDB का लक्ष्य है कि इसे 10 फीसद तक किया जाए. पहलों में डेयरी निर्यात क्षेत्रों की स्थापना, रोग-मुक्त प्रमाणन प्रणाली और वैश्विक बाजारों में ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड का लाभ उठाना शामिल है.

दूध की खरीद बढ़ेगी
NDDB 2070 तक भारत के शुद्ध-शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन लक्ष्य के अनुरूप कम उत्सर्जन वाले आहार, बायोगैस, सौर ऊर्जा और कार्बन पृथक्करण जैसी जलवायु-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा दे रहा है. वहीं पांच वर्षों में दूध की खरीद में 50 फीसद की वृद्धि होगी, महिलाओं का सशक्तिकरण होगा और 2028-29 तक दैनिक संग्रहण 660 लाख किलोग्राम/दिन से बढ़कर 1,000 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाएगा.

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