Animal Husbandry: एक आइडिया आपको दिला सकता है 4 से 25 लाख रुपए की सरकारी मदद, पढ़ें डिटेल

किताब दिखाते हुए एक्सपर्ट.

नई दिल्ली. अगर आपके पास कोई कृषि व कृषि से संबंधित बिजनेस करने का आइडिया है, तो आपको चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से स्थापित एग्रीबिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर (एबिक) के माध्यम से 25 लाख रुपए तक की अनुदान राशि दिला सकता है. यह सब्सिडी राशि एक प्रक्रिया के तहत एचएयू स्थित एबिक के माध्यम से दी जाएगी. इसके लिए आपको सिर्फ चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय वेबसाइट www.hau.ac.in पर 10 सितम्बर, 2025 तक ऑनलाइन आवेदन करना हैं.

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज के अनुसार इस सेंटर के माध्यम से युवा छात्र, किसान, महिला व उद्यमी मार्केटिंग, नेटवर्किंग, लाईसेंसिंग, ट्रैडमार्क व पेटेंट, तकनीकी व फंडिग से संबंधित प्रशिक्षण लेकर कृषि क्षेत्र में अपने स्टार्टअप को नया आयाम दे सकते हैं. इसके लिए ‘छात्र कल्याण प्रोग्राम’, ‘पहल’ एवं ‘सफल’-2025 नाम से तीन प्रोग्रामों का विवरण इस प्रकार हैं.

छात्र कल्याण प्रोग्राम
यह प्रोग्राम छात्रों के लिए शुरू किया गया है जो छात्रों को स्वयं रोजगार की शुरूआत कर उद्यमी बनाने में मदद करेगा. इस प्रोग्राम के तहत केवल पढ़ऩे वाले छात्र ही आवेदन कर सकते हैं चयनित छात्र को एक महीने का प्रशिक्षण व 4 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी. यह राशि चयनित छात्र को एकमुश्त दी जाएगी. इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 5 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी. यह राशि चयनित उम्मीदवार को एकमुश्त दी जाएगी. सफल: इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 25 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी. यह राशि चयनित उम्मीदवार को दो किश्तों में दी जाएगी. उन्होंने बताया पिछले 6 सालों में 73 स्टार्टअप्स को केन्द्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा लगभग 9 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है. कुलपति ने उक्त कार्यक्रमों से संबंधित विवरण पुस्तिका का विमोचन किया.

आवेदकों के लिए आयु व शिक्षा नहीं होगी जरूरी
आवेदक को अपने आइडिया का प्रपोजल एचएयू की वेबसाइट hau.ac.in पर ऑनलाइन आवेदन करना है जोकि नि:शुल्क है। इसके बाद उस आइडिया का यूनिवर्सिटी वैज्ञानिक व इंक्युबेशन कमेटी द्वारा एक महीने के प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाएगा। एक महीने के प्रशिक्षण के बाद भारत सरकार द्वारा गठित कमेटी आवेदक के आइडिया को प्रस्तुत करवाएगी और चयनित आवेदक को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत की जाएगी.

प्रशिक्षित युवा स्वरोजगार के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी रोजगार दे पाएंगे
कुलपति ने कहा युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक सुनहारा अवसर है. एबिक सेंटर से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा रोजगार खोजने की बजाय रोजगार देने वाले बन सकते हैं. इस सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप्स देश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे. भारत सरकार ने महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि देने का प्रावधान रखा है. इसके साथ ही युवा, किसान व उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकजिंग व ब्रांडिग करके व्यापार की अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं.

आत्मनिर्भर बनाने की दिशा हुआ काम
ये तीनों कार्यक्रम उनको आत्मनिर्भर बनाने में काफी मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा इस सेंटर से अब तक जुड़े युवा उद्यमी व किसानों ने न केवल अपनी कंपनी का टर्न ओवर करोड़ो रूपए तक पहुंचाया है अपितु उन्होंने दूसरे लोगो को रोजगार भी प्रदान किया है. इस अवसर पर अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग, प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर डॉ. राजेश गेरा, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, एबिक के बिजनेस मैनेजर विक्रम सिंधु व राहुल दुहन मौजूद रहे.

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