Dairy: वृंदावन गांवों में क्या होगी सुविधा, डेयरी व्यवसाय से जुड़े कौन से काम होंगे, जानें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने प्रदेश के गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत 2 हजार आबादी बाले और वर्तमान में 500 गायों का पालन करने वाले गांवों को वृंदावन ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा. योजना की शुरुआत में हर विधानसभा से एक गांव का चयन किया जाएगा. इस लिहाज से शुरुआत में 230 वृंदावन ग्राम बनेंगे. इसके बाद इन वृंदावन गांवों में गो-पालन, डेवरी विकास, पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि, जल संरक्षण, सौर उर्जा, चारागाह विकास, अधोसंरचना विकार, स्वरोजगार, और ग्रामीण विकास से जुड़े काम राज्य सरकार प्राथमिकता से कराएगी.

हर वृंदावन गांव में एक गोशाला, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी भवन, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल भवन, यात्री प्रतीक्षालय, सोलर स्ट्रीट लाइट, पुस्तकालय, आजीविका भवन के लिए वर्कशेड, पशु चिकित्सालय, आंतरिक सड़‌कों व नाली निर्माण, पीडीएस की दुकान व गोदाम, हर घर जल, आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर, बायोगैस संयंत्र, शांतिधाम निर्माण, गो-समाधि स्थल, सेग्रीगेशन शेड, जल निकामी के लिए नाली, कृत्रिम गर्भाधान केंद्र, सोलर एनर्जी प्लांट, और सार्वजनिक पार्क का विकास कराया जाएगा. इनमें से जो सुविधाएं पहले से हैं, उन्हें छोड़कर बाकी के विकास के लिए वृंदावन ग्राम योजना से धनराशि राज्य सरकार देगी.

दूध कलेक्शन सेंटर भी खुलेंगे
मध्य प्रदेश सरकार आजीविका संबंधी गतिविधियों में नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, दूध कलेक्शन सेंटर, वनोपज आधारित लघु उद्योग, कृषि उपज व फलों पर आधारित उद्योग का भी विकास किया जाएगा. इसके साथ ही कैबिनेट ने नए बने जिले मैहर, मऊगंज और पहुर्ना में जनजातीय व अनुसूचित जाति के जिला कार्यालय के लिए जिला संयोजकों समेत 48 नए पद मंजूर किए हैं. इनमें मऊगंज के लिए 16, मैहर के लिए 18 और पाटुनों के लिए 14 पद हैं. कैबिनेट ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा चलाए जाने वाले छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए मैस संचालन शुरू करने को मंजूरी दे दी है. प्रदेश में ओबीसी के लिए 108 छात्रावास संचालित किए जाते हैं, जिनमें 9050 विद्यार्थी रह रहे हैं। मैस संचालन के लिए 31 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं. इसमें 14 करोड़ रुपए स्थापना पर और 17 करोड़ रुपए उनके संचालन पर खर्च होगा.

202 वैज्ञानिक समेत 1266 नए पद मंजूर
इसके अलावा प्रदेश में संचालित स्टेट फॉरेंसिक लैब्स के लिए 1266 नए पद मंजूर किए हैं. इनमें 202 पद वैज्ञानिकों के हैं. गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धाय 176-3 में 7 साल से अधिक सजा बाले अपराधों की जांच में फॉरेंसिक एक्सपर्ट को अनिवार्य किया गया है. वर्तमान में प्रदेश में सागर की स्टेट फॉरेंसिक लैब समेत 7 रीजनल फॉरेंसिक लैब हैं, जो भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, रीवा, और रतलाम में हैं. अब हर जिला अस्पताल में एक फॉरेंसिक लैब शुरू करने की तैयारी है. बीएनएसएस के तहत यह निर्णय लेने वाला मा देश का पहला राज्य है.

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