Milk Production: लेबोरेटरी में कैसे चेक किया जाता है दूध, फैट जांचने का तरीका पढ़ें यहां

नई दिल्ली. दूध की जांच करने के लिए लेबोरेटरी में प्लेटफार्म पर दूध के नमूने एकत्रित कर प्लांट से प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं. जहां पर सही तरीके से उनका रासायनिक संगठनात्मक साथ ही जीवाणु आधारित टेस्ट किया जाता है. वैसे तो प्रयोगशाला परीक्षणों की काफी लम्बी सूची है और उन सभी का जिक्र करना यहां पर सम्भव नहीं हो सकेगा लेकिन इसी को ध्यान में रखकर केवल कुछ विशेष टेस्ट का जिक्र यहां पर किया गया है. जिसमें फैट का टेस्ट बेहद ही अहम है. प्रयोगशाला में दूध परीक्षण के लिए जब भी लाया जाता है, सबसे पहले उसकी गुणवत्ता की जांच के लिए वसा परीक्षण ही किया जाता है.

पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन विभाग कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट की मानें तो फैट दूध की गुणवत्ता का एक प्रमुख सोर्स है. कुछ हद तक इससे पता चलता है कि क्या दूध में पानी का मिश्रण हुआ है या नहीं. सरकार की तरफ से भी दूध की शुद्धता के लिए दूध में एक निश्चित वसा के होने का भी प्रावधान दिया है. इन्ही सभी कारणों की वजह से दूध में फैट का परीक्षण करना आवश्यक हो जाता है. वैसे तो दूध में वसा टेस्ट करने के अनेक तरीके वैज्ञानिकों ने खोज निकाले हैं, लेकिन जो सबसे अच्छा, आसान, एवं विश्वसनीय तरीका है उसे हम गरबर विधि कहते हैं इसलिए हम इस अध्याय में गरबर विधि का ही जिक्र करेंगे.

इस तरह की जाती हैं जांच
गरबर नली जिसे हम ब्यूटायरोमीटर कहते हैं, में एक निश्चित मात्रा का दूध लेकर, उसके प्रोटीन को गंधक के तेजाब से विघटित कर दिया जाता है.

इसके बाद उसमें अमाइल अल्कोहल डाल कर दूध एवं मिश्रण को चेक किया जाता है.

ब्यूटायरोमीटर को मिश्रण सहित सेंट्रीफ्यूज में लगभग 1100 चक्र प्रति मिनट की दर से 5 मिनट तक घुमाते हैं.

फैट हल्का होने के कारण ब्यूटायरोमीटर की ऊपरी स्केल पर आ जाता है जिसे माप लिया जाता है.

इस्तेमाल में आने वाले सामान

  1. गरबर सेंट्रीफ्यूज
  2. वाटर बाथ
  3. विशिष्ट पिपेट 10 मिली. एवं 1 मिली. की
  4. ब्यूटायरोमीटर (दूध की वसा मापने वाला)
  5. गंधक का तेजाब (1.83 आपेक्षित घनत्व वाला)
  6. अमाइल अल्कोहल (0.80 आपेक्षित घनत्व वाला)
  7. 10.75 मिली. वाला पिपेट
  8. ब्यूटायरोमीटर के स्टाप कार्क एवं स्टापर की

तरीका क्या है

  1. ब्यूटायरोमीटर को स्टैंड पर इस प्रकार रखे की उसका मुख ऊपर की तरफ हो.
  2. सावधानी पूर्वक पिपेट या (आगे बाटल) द्वारा उसमें 10 मिली गंधक का तेजाब डाले.
  3. 10.75 मिली. की पिपेट से अच्छी तरह से मिश्रित 10.75 मिली. दूध को ब्यूटायरोमीटर में डाले.
  4. तत्पश्चात 1 मिली. अमाइल अल्कोहल डाले.
  5. स्टापर “की” की सहायता से स्टाप कार्क को ब्यूटायरोमीटर के मुख को बंद कर दें.
  6. स्टैंड से ब्यूटायरोमीटर को निकाल कर अच्छी प्रकार से मिला लें.
  7. फिर इसे 62.5+1 सेंटीमीटर ताप वाले वाटर बाथ में 5 मिनट के लिए रख दें.
  8. इसके बाद गरबर सेंट्रीफ्यूज में 1100 चक्कर प्रति मिनट की दर से 5 मिनट तक घुमाएं.
  9. ब्यूटायरोमीटर को सेंट्रीफ्यूज से बाहर निकाल कर उसकी गर्दन में एकत्रित वसा, उसमें दिए गए स्केल पर पढ़ लें.
  10. ख्याल रहे कि ऊपर दी गई सभी प्रक्रियाएं दो ब्यूटायरोमीटर में एक ही दूध के नमूने को लेकर साथ-साथ करें.
  11. दोनों ब्यूटायरोमीटर की नोट की हुई वसा का औसत लेकर दूध के नमूने में वसा का प्रतिशत अपने नोट बुक में दर्शायें.
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