Dairy Animal News: अगर गायों में नजर आ रही हैं ये खूबियां तो भर जाएंगी दूध से बाल्टियां

छोटे जुगाली करने वाले पशुओं में, मादा जुड़वां या तीन बच्चों को पालने में असमर्थ हो सकती है और एक या अधिक बच्चे गर्भ में ही खत्म होने का खतरा हो सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग के काम में दूध उत्पादन ही सबकुछ है. अगर पशु ज्यादा दूध देते हैं तो फिर फायदा, नहीं देते हैं तो नुकसान होता है. कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग (Department of Agriculture Cooperation and Farmers Welfare)_ने ज्यादा दूध देने वाले पशुओं की कुछ पहचान के बारे में बताया है. ताकि पशुपालकों को दुधारू पशुओं के चयन में दिक्कत न आए. उन्हीं कुछ पहचानों में से कुछ अहम पहचान के बारे में हम यहां आपको जानकारी देने जा रहे हैं.

पहचान क्या है, यहां डिटेल में जानें
दुधारू गाय तिकोने आकार की होती है. ऐसी गाय की पहचान के लिए उसके सामने खड़ा होना पड़ता है और देखने में गाय का अगला हिस्सा पतला और पिछला हिस्सा चौड़ा दिखाई देगा.

दुधारू गाय के शरीर की तुलना में गाय के पैर एवं मुंह-माथे के बाल छोटे होने चाहिए. अगर ऐसा है तो गाय ज्यादा दूध देने वाली है.

दुधारू पशु की चमड़ी चिकनी, पतली और चमकदार होनी चाहिए. आंखे चमकली, स्पष्ट होनी चाहिए. उसमें कोई कमी नहीं होनी चाहिए.

अडर पूरी तरह विकसित और बड़ा होना चाहिए. ​थनों पर दूध की शिराएं जितनी ज्यादा उभरी और टेढ़ी-मेढ़ी होंगी पशु उतना ही दुधारू होगा.

दूध निकालने के बाद पशु का थन सिकुड़ जाना चाहिए, ये भी दुधारू पशु की पहचान में से एक है.

चारों थनों का आकार और आपसी दूरी समान होनी चाहिए. अगर ऐसा है तो फिर पशु ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला माना जाएगा.

किन पशुओं को दें प्रा​थमिकता
दुधारू पशु को खरीदते समय हमेशा दूसरे अथवा तीसरे ब्यात की गाय या भैंस को ही प्राथमिकता देनी चाहिए. क्योंकि इस दौरान दुधारू पशु अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप खुलकर दूध देने लगते हैं और यह क्रम लगभग सातवें ब्यात तक चलता है. इसके पहले अथवा बाद में दुधारू पशु के दूध देने की क्षमता कम रहती है.

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