नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने नई दिल्ली में आयोजित एनडीडीबी की डायमंड जुबली सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि सम्मेलन में कहा कि संस्था की 60 वर्षीय यात्रा किसानों, सहकारी समितियों और विभिन्न राज्यों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है और इसकी प्रासंगिकता बनाए रखना ही सबसे बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने आगे उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख जैसे राज्यों की विशेष भूमिका का उल्लेख किया जहां सहकारिता ने ग्रामीण समृद्धि और दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में एनडीडीबी ने दूध प्रोसेसिंग प्लांट, पशु आहार इकाइयां, आधुनिक तकनीक और किसान-केंद्रित सेवाएं उपलब्ध कराई हैं.
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डॉ. शाह ने कहा कि सहकारिता केवल दूध उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि अब पशु आहार, जैव उर्वरक, नवाचार और डिजिटलीकरण तक विस्तारित हो रही है.
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दूध उत्पादों पर जीएसटी में कटौती के निर्णय की सराहना की और कहा कि यह कदम उपभोक्ताओं, किसानों और पूरी डेयरी अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी होगा.
उन्होंने स्वीकार किया कि हरे चारे की कमी, मौसमी उतार-चढ़ाव, बढ़ती लागत और संगठित विपणन की कमी जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं, लेकिन इनके समाधान के लिए उन्नत प्रजनन तकनीक, डिजिटलीकरण, आपदा प्रबंधन और नवाचार जैसे उपाय किए जा रहे हैं.
उन्होंने सभी राज्य सहकारी फेडरेशनों और दुग्ध संघों का धन्यवाद किया जिन्होंने एनडीडीबी के साथ विगत 60 वर्षों की यात्रा तय की है.
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि यह समारोह केवल हमारी छह दशकों की उपलब्धियों का उत्सव नहीं है बल्कि भविष्य के प्रति हमारे संकल्प की फिर पुष्टि भी है.
एनडीडीबी आगे परिपत्र अर्थव्यवस्था, गोबर प्रबंधन, जैव-उर्वरक और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में भी कार्यरत है, ताकि सहकारिता और अधिक समावेशी, नवाचारी और प्रभावशाली बन सके.