Dairy Animal: डेयरी पशुओं के पेट के कीड़े का जानें इलाज, चारा फसल के बारे में भी अहम बातें पढ़ें यहां

Animal Husbandry: Farmers will be able to buy vaccines made from the semen of M-29 buffalo clone, buffalo will give 29 liters of milk at one go.

प्रतीकात्मक फोटो. Live stockanimal news

नई दिल्ली. अक्सर पशुओं के पेट में कीड़े हो जाते हैं. अगर ऐसा होता है तो मुख्य लक्षणों में से कुछ खास हैं. जैसे पशुओं की चमड़ी खुरदरी हो जाती है. गोबर में बदबू व पशु का दूध उत्पादन पशु की क्षमता के मुताबिक नहीं हो पाता है. पेट में कीड़ों के लिए दुधारू पशु को 60-90 मिलीलीटर एल्बोमार पिला देनी चाहिए और 15-21 दिन के अंतराल पर दोबारा दवा पिला देनी चाहिए ऐसा करने से पशु के पेट के सभी कीड़े नष्ट हो जाते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि दुधारू पशु को हरे चारे की आपूर्ति के लिए हरे चा को इस क्रम में उगाना चाहिए की वर्ष भर इसकी पूर्ति अच्छे तरीके से होती रहे इसके लिए हमें सस्यक्रम अपनाने की आवश्यकता पड़ेगी.

मई-जून माह में मक्का, ज्वार, बाजरा आदि सितम्बर-अक्टूबर में बरसीम सरसों, जई, फरबरी-मार्च माह में मक्का के साथ लोबिया बोया जा सकता हैं. यदि इस तरीके से हम फसलों को बोएंगे तो एक चारा समाप्त होने से पहले दूसरा चारा तैयार हो जाएगा. इसके लिए हमें दो चीजों की आवश्यकता पड़ेगी एक तो जमीन पर्याप्त हो और दूसरा पानी का साधन अच्छा हों यदि इनमें किसी भी चीज की कमी है तो हम समय क्रम को नहीं अपना सकते हैं.

चारा फसल को कब काटा जाना चाहिए
एक्सपर्ट के मुताबिक पशु पालकों को ध्यान रखना चाहिए कि ज्वार का हरा चारा बुवाई के बाद जल्दी नहीं खिलाना चाहिए. कम वाले पौधों में ग्लूकोससाइड होता है, जिसे धूरिन भी कहते हैं. वह पशु के पेट में जाकर पूसिक या हाइड्रोसायनिक अम्ल के रूप में बदल जाता है. ज्वार की बुवाई के 30 दिन की उम्र वाले पौधों तथा जमीन की सतह के पास नई शाखाओं में यह अम्ल बहुत अधिक मात्रा में होता है. पेंडी वाली फसल भी छोटी अवस्था में पशुओं के लिए जहरीली होती है. फसल को फूल लगने के समय काटा जाना चाहिए. ग्लूकोसाइड पत्तियों में तनों का अपेक्षा अधिक मात्रा में होता है यदि ज्वार की बुवाई के समय नत्रजन वाली उर्वरको की अधिक मात्रा खेत में दाल दी जाए तो कम उम्र वाले पौधों में नाइट्रेट अधिक मात्रा में जमा हो जाता है.

सूडान घास खिलाते समय इन बातों का दें ध्यान
सूडान घास में ग्लूकोसाइड ज्वार की अपेक्षा बहुत कम होता है. 30 दिन के ज्वार के पौधे में ग्लूकोसाइड इतनी अधिक मात्रा में जमा रहती है कि यदि गाय को 4-5 ये हरा चारा खिला दिया जाए तो उसकी मौत तक हो सकती है. दरअसल, ऐसी फसल में जिसमें पानी की कमी रही हो धूरिन की मात्रा बढ़ जाती है. इसलिए पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वे फसल की अवस्था (40-45 दिन बुवाई के बाद) को ध्यान में रखकर ही पशुओं को खिलाएं यदि बरसात न हुई तो फसल में कम से कम दो पानी लगाने के बाद ही पशुओं को खिलाएं. क्योंकि पानी लगाने से हाइड्रोसाइनिक अम्ल जड़ों के माध्यम से घुलकर जमीन में चला जाता है.

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