नई दिल्ली. डेयरी कारोबार एक बेहतरीन जरिया है किसानों की इनकम दोगुनी करने का. यही वजह है कि सरकार किसानों को डेयरी कारोबार से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती रहती है और इसके लिए कई योजनाएं चलाती है. ताकि किसान इन योजनाओं से जुड़कर पशुपालन करें और दूध बेचकर अच्छी इनकम हासिल करें. अब अगर ज्यादा दूध उत्पादन होगा तो इसे विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जा सकेगा. इससे देश को भी फायदा होगा और किसानों को भी. इस वजह से सरकार ज्यादा दूध उत्पादन के साथ-साथ क्वालिटी वाला प्रोडक्शन भी करने के लिए कई कार्यक्रम चलाती रहती है.
एक्सपर्ट का कहना है कि कई बार दूध का प्रोडक्शन ज्यादा होता है लेकिन कुछ वजह से उसकी क्वालिटी खराब हो जाती है. वहीं कुछ फीड खिलाने से दूध का टेस्ट भी खराब हो जाता है. इस वजह से दूध का दाम गिर जाता है. इसलिए जरूरी है कि कभी भी दूध की क्वालिटी और टेस्ट खराब न होने दें. आइए इसके बारे में जानते हैं कि ये कैसे संभव होगा.
पशु आहार एवं पानी की स्वच्छता
एक्सपर्ट का कहना है कि पुराना चारा एवं सब्जियां जैसे गोभी, शलजम, प्याज, लहसुन जो कि दूध के स्वाद में बदलाव करते हैं. इसका स्टोरेज दूर करना चाहिए. उन्हे दुधारू पशुओं को नही खिलाना चाहिए. आहार में अचानक बदलाव नही करना चाहिए क्योंकि यह दूध की क्वालिटी को प्रभावित करता है. वहीं खरपतवार, गंदा पानी और गंदी आदि दूध में खराब महक के कुछ प्रमुख कारण हैं. कीटनाशक से दूध के दूशित होने के खतरे से बचने के लिए तेल रहित खाद्यय पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए.
बर्तन की क्या है अहमियत
दूध निकालने और इकट्ठा करने के लिए उपयोग होने वाले बर्तनों की सतह चिकनी एवं दरार रहित होनी चाहिए. दूध के संग्रह के लिए उपयोग होने वाले बर्तनों की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए. भंडारण के लिए बर्तन में डालने से पहले दूध को सूती कपड़े से छानना चाहिए. दूध को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए कम से कम समय लगाना चाहिए गांव की सोसाइटी और दूध स्टोर से डेयरी प्लांट तक दुध का परिवहन जल्द से जल्द होना बेहतरा माना जाता है.
साफ दूध उत्पादन के फायदे
साफा दूध इंसानों सेवन के लिए सुरक्षित एवं बीमारी फैलाने वाले जीवाणुओं से रहित होता है. इसे अधिक समय तक संरक्षित रखा जा सकता है. इससे बाजार में उच्च व्यावसायिक कीमत मिलती है. इसे लम्बी दूरी तक परिवहन किया जा सकता है. यह आधारभूत उत्पाद बनाने के लिए एक बेहतरीन सोर्स है.