Fish Farming: जानें गर्मियों में मछली तालाब की देखभाल के टिप्स, जमकर होगा उत्पादन और मुनाफा

तालाब में खाद का अच्छे उपयोग के लिए लगभग एक सप्ताह के पहले 250 से 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर बिना बुझा चूना डालने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं.

तालाब में मछली निकालते मछली पालक

नई दिल्ली. बकरी, मछली, मुर्गी पालन करके अच्छी कमाई की जाती है. इसमें भी मछली पालन कर लिया तो सोने पर सुहागा. बस एक ही शर्त है कि मछली पालन पूरी तरह से साइंटिफिक होना चाहिए. अगर अपना दिमाग ज्यादा लगाने की कोशिश की तो नुकसान हो सकता है. विशेषज्ञ भी मछली पालन को फायदे का सौदा बताते हैं. अगर ठीक से मछली पालन कर लिया तो लाखों रुपये प्रतिवर्ष कमा सकते हैं. मछली पालन को सरकार बढ़ावा भी दे रही है. मछली पालन में अगर कुछ तकनीकों का सहारा लिया जाए और पूरी ट्रेनिंग हो तो फिर इससे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हासिल किया जा सकता है. अच्छी तरह से मछली पालन करने का तरीका नीचे दिया गया है.इसलिए पूरी खबर को पढ़ें.

गर्मी के मौसम में मछली पालन से अच्छी आय प्राप्त करने के लिए उनके उचित रखरखाव की आवश्यकता है. फिशरीज कॉलेज के डीन डॉक्टर मीरा डी आंसल का कहना कहा है, कि सबसे अच्छी नीति है कि सावधानी बरतें और बीमारियों से बचें. पानी को साफ रखने के लिए विशेषज्ञों की राय के अनुसार चूना, लाल दवा या सीफेक्स का प्रयोग करना चाहिए. यदि कोई परेशानी हो तो किसी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.

तालाब की करें ऐसे देखभाल: डॉ. मीरा डी आंसल ने बताया, कि मछली के तालाबों में पानी का स्तर लगभग 6 फीट रखा जाना चाहिए, ताकि निचले हिस्से में पानी का तापमान उपयुक्त रहे. तालाब में ऑक्सीजन कम नहीं होनी चाहिए, जो आमतौर पर गर्मी के मौसम में सुबह के समय कम होती है, तालाबों में ऑक्सीजन का स्तर बनाए रखने के लिए या तो एरेटर (पानी हिलाने वाली मशीनें) चलानी चाहिए या जानवरों या इंसानों को तालाबों में जाकर पानी को हिलाना चाहिए. मछली वाले तालाब का पानी खेतों में डालना चाहिए, जो कि फसलों के लिए बहुत फायदेमंद है. इसके स्थान पर तालाबों में नया पानी डालना चाहिए.

तालाब में न होने दें काई और खरपतवार: डाक्टर मीरा ने कहा कि मछली पालकों को इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है कि पानी में अम्लता या लवणता की मात्रा संतुलित रहे. इस मौसम में पानी में विभिन्न प्रकार के खरपतवार, घास आदि उग आते हैं या पानी में काई जम जाती है ऐसी वनस्पतियों को लगातार साफ करना बहुत जरूरी है. इससे पानी में अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड गैसें बढ़ जाती हैं, जो मछली के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक गैसें हैं. इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि मछलियों को उतनी मात्रा में ही खुराक दी जाए जितनी वो खा सकें. अतिरिक्त चारा तालाबों की तली में जमा हो जाता है, जिससे पानी में जहरीली तलछट बढ़ जाती है.

मछली पालक इन मुख्य बिंदुओं पर डालें नजर
डॉक्टर मीरा ने बताया कि इस अवधि के दौरान ‘ऑक्सीजन’ के स्तर की निगरानी करने के लिए आगाह किया, जो तालाब में बढ़ी हुई जैविक गतिविधि के कारण सुबह के दौरान घातक स्तर तक गिर सकता है और श्रेष्टतम ऑक्सीजन स्तर बनाए रखने के लिए, सूर्योदय से पहले दिन के शुरुआती घंटों में तालाबों को ताजा पानी डालकर या एरेटर के माध्यम से पानी को साफ रखें.

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