Fish Farming: नए मछली पालक इस तरह कर सकते हैं फिश फार्मिंग में जबरदस्त कमाई, पढ़ें टिप्स

जब पूरी जानकारी होगी तो नुकसान का चांसेज कम होगा और इससे मुनाफा ज्यादा होगा. इसलिए अगर आप मछली पालन करना चाहते हैं तो जरूरी है कि मछली को खाना खिलाया जाता है उसकी जानकारी तो कम से कम कर लें.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. अगर आप नए मछली पालक हैं तो यह खबर आपके लिए है. क्योंकि यहां हम आपको कुछ ऐसी जानकारी दे रहे हैं जो जो आपको मछली पालन के काम में मदद करेगी. एक्सपर्ट के मुताबिक अक्सर मछली पालक भाई ये सोचते हैं कि 1 लीटर स्पॉन खरीदकर कुछ ही महीना में वो बहुत सी मछलियां तैयार कर लेंगे. लेकिन ये पूरा सच नहीं है. नए मछली पालकों के लिए ये काम इतना आसान नहीं है. क्योंकि स्पॉन से मछलियों को 1 किलो तक वजन तक लाने में डेढ़ से 2 साल का वक्त लग जाता है. क्योंकि यह प्रक्रिया बेहद ही धीमी होती है. इस वजह से इसमें ज्यादा इंतजार करना पड़ता है.

फिश एक्सपर्ट का कहना है कि दरअसल, छोटे स्पॉन बीज को पहले फिंगर लिंग साइज का बनाना पड़ता है. फिर उसे सही साइज देने की जरूरत पड़ती है. जबकि इस दौरान कई प्राकृतिक चुनौतियों का भी सामना मछली पालकों को करना पड़ता है. जैसे बीज का मर जाना, तालाब के अंदर पर्याप्त प्लैंकटन का न होना आदि. इससे मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है.

इस साइज की मछली को तालाब में डालें
अगर आप भी मछली पालक हैं तो स्पॉन की बजाय बड़े साइज का बीज तालाब में डालिए. आपको बता दें कि कई बड़े मछली पालन जो अच्छी खासी इनकम जनरेट करते हैं वो बड़े मछली पालक 300 ग्राम का बीज डालकर 1 किलो तक की मछली को तैयार कर लेते हैं और इस तरह से साल में 2 से 3 बार कल्चर लेकर जबरदस्त मुनाफा कमा लेते हैं. जबकि एक हजार फिंगर लाइन का बीज डालने से इसे तैयार होने में 9 से 11 महीने का वक्त लग सकता है. इस​लिए हमेशा ही बड़ी साइज की मछलियों को ही तालाब में डालना चाहिए. ताकि जल्दी—जल्दी मुनाफा मिले.

इन बातों का भी ध्यान दें
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप चाहते हैं कि आपकी मछलियां तेजी से ग्रोथ करें और कम समय में बाजार के लिए तैयार हो जाएं तो कुछ अहम बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. मछलियों को हाई प्रोटीन फीड खिलाएं. क्योंकि हाई प्रोटीन फीड मछलियों की ग्रोथ के लिए बेहद ही जरूरी होता है. यदि तालाब में आपने कैटफिश मछली को पाल रखा है तो उन्हें हाई प्रोटीन ग्रोथ वाला फीड ही खिलाना पड़ता है. क्योंकि यह मछलियां फ्लोटिंग फीड पर ही निर्भर करती हैं. इसके अलावा ये भी ध्यान दें कि हमेशा ही तालाब का पानी साफ और ऑक्सीजन से भरपूर रहना चाहिए. ऑक्सीजन की कमी होने पर एयरेटर चलाया जाता है. नहीं तो मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है.

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