Fish: मछली पालन के लिए सरकार ने शुरू की बेहतरीन योजना, पढ़ें डिटेल

जीरा डालने से पहले और चूना डालने के बाद खाद का प्रयोग करें.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. जिस तरह से सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है तो ठीक उसी तरह से मछली पालन कर रही है. खासतौर पर बंजर जमीनों पर सरकार तालाब बनवाने के लिए और मछली पालन करने के लिए किसानों को सब्सिडी लोन आदि की व्यवस्था दे रही है. ताकि किसान मछली पालन करके अपनी आमदनी बढ़ा सके और सीधे तौर पर उनको फायदा हो सके. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से सरकार किसानों को मछली पालन करने के लिए 50 से 70 फीसद तक सब्सिडी दे रही है.

अगर आप भी मछली पालन का काम शुरू करना चाहते हैं तो बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही स्कीम का फायदा उठाएं. इसके लिए आनलाइन आवेदन मांगे गए हैं और आवेदन करने वालों को फायदा मिलेगा. फिर देर किस बात की आइए इस बारे में पूरी डिटेल जानते हैं.

सरकार की ओर से योजना के तहत उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन के लिए यूनिट लगाने के लिए एक लाख रुपए का खर्च बताया गया है. वहीं ट्यूबवेल तथा पंपिंग सेट के लिए 1.20 लाख का खर्च आता है. जबकि तालाब में एयरेटर लगाने के लिए 50 हजार रुपए का खर्च आता है. कार्प हैचरी इनपुट सहायता के लिए आठ लाख रुपए का और मत्स्य बीज हैचरी को फिर से बनाने के लिए 50 हजार रुपए का खर्च आता है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अन्य वर्ग के सभी किसानों को 50 फीसद तथा अति पिछड़ा जाति अनुसूचित जाति और जनजातियों के लोगों को 70 फीसद अनुदान दिया जाएगा.

योजना का उद्देश्य
मत्स्य उत्पादन के विभिन्न श्रृंखलाओं पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है ताकि राज्य, ‘मत्स्य उत्पादन’ के साथ-साथ ‘मत्स्य बीज उत्पादन’ में भी आत्मनिर्भर हो सके. योजना के क्रियान्वयन की बात की जाए तो योजना का क्रियान्वयन राज्य के सभी जिलों में किया जायेगा. इस योजना की विस्तृत जानकारी राज्यादेश संख्या-2180, दिनांक- 19.05.2025 से प्राप्त की जा सकती है जो विभागीय वेबसाईट https://state.bihar.gov.in/ahd/Citizen Home.html उपलब्ध है. वहीं योजना के लिए आवेदन fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त किये जायेंगे.

इन कागजातों की पड़ेगी जरूरत
आवेदन पत्र में लाभुकों का मोबाईल नंबर तथा बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आई०एफ०एस०सी० कोड अंकित किया जाएगा. आधार कार्ड नंबर, राशनकार्ड नंबर, मतदाता पहचान पत्र, जमीन का नक्शा की अभिप्रमाणित प्रति संलग्न की जाएगी. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग के लाभुकों को आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा.

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