नई दिल्ली. बारिश का मौसम मछली पालन के लिए बेहतर होता है. उत्तराखंड के मत्स्य पालन विभाग (Fisheries Department of Uttarakhand) की मानें तो ये मछलियों को कई फायदा पहुंचाता है. साथ ही तालाब के पानी के लिए बहुत उपयोगी होता है. ये तालाब के पानी को ऐसा बना देता है, जिससे मछलियां तेजी के साथ ग्रोथ करती हैं और मछली पालकों को इस काम में अच्छा खासा मुनाफा मिलता है. इसलिए मछली पालन में तालाब के पानी की अहमियत बढ़ जाती है. आइए इस आर्टिकल में कुछ फायदों के बारे में जानते हैं.
क्या-क्या फायदे हैं, जानेंयहां
मछली पालन के दौरान बारिश के समय में तालाब के पानी की गुणवत्ता में सुधार हो जाता है. जिसका फायदा मछली पालकों को मिलता है.
जब गर्मी के बाद मानसून आता है तो तालाब के अंदर मौजूद गंदगी और बैक्टीरिया पानी को खत्म कर देता है. बरसात का ताजा पानी पुराने पानी को पतला कर देता है.
इस वजह से तालाब के अंदर मौजूद जहरीले तत्वों की मात्रा कम हो जाती है साथ ही ताजा पानी तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा कोई बढ़ा देता है. इससे तालाब को पूरा वातावरण प्राकृतिक रूप से संतुलित हो जाता है.
ऐसे संतुलित वातावरण में पलने वाली मछलियां बेहतर तरीके से सांस लेती हैं तैरती है और चहल-पहल करती हैं और इसी की वजह से मछलियां ज्यादा चारा खाती हैं. जिससे जल्दी से उनकी ग्रोथ हो जाती है.
वहीं बरसात के पानी से तालाब के अंदर मौजूद मिट्टी को प्राकृतिक पोषण में मिलता है.
बारिश सिर्फ पानी नहीं लाती बल्कि अपने साथ कई जैविक पदार्थ भी लाती है जो तालाब की मिट्टी मिल जाते हैं. इससे मिट्टी गुणवत्ता बढ़ जाती है.