Fish Farming Scheme: मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुरू की योजना, पढ़ें इसके फायदे

State Fisheries Officials provided updates on the status, progress, and key challenges in promoting inland saline and shrimp aquaculture.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. सरकार की तरफ से चलाई जा रही तमाम योजनाओं में से एक मछली पालन मत्स्य प्रजाति का विविधिकरण की योजना भी संचालित की जा रही है. बता दें कि बिहार सरकार की तरफ से वित्तीय वर्ष 2025-2026 में “देशी मछली पालन के सुनहरे अवसर” के तहत आवेदन मांग गए हैं. योजना के उद्देश्य की बात की जाए तो राज्य के राज्य के जलसंपदाओं में मौजूद देशी प्रजाति के संभाव्य (potential) “माइनर कार्य” एवं “कैट फिश” की विकसित हैचरी तकनीकी से बीज उत्पादन कर समुचित दर पर मछली किसानों को उपलब्ध कराना तथा इसके पालन (culture) को बढ़ावा देना है.

योजना के तहत पालन मात्स्यिकी की प्रजाति आधार को देशी मूल के माइनर कार्प, कैटफिश, वायु-श्वासी मछली के साथ समावेशन कर बढ़ाना है, जिससे इनका संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ मत्स्य उत्पादकता तथा किसानों के वार्षिक आय में वृद्ध के साथ-साथ दूर-दूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके.

इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
योजना के तहत सभी वर्गो के लोगों सभी खर्च के लिए निर्धारित इकाई लागत की 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. बाकी लाभार्थी द्वारा खुद या बैंक लोन से वहन कर पाएंगे. मछली प्रजाति विविधिकरण योजना के लिए लोगों से ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया है. आवेदक के द्वारा पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ (खुद की साइन की हुई), आधार कार्ड, इकाई लागत से खर्च होने पर अंशदान (स्वयं अथवा बैंक ऋण द्वारा) का सहमति-पत्र जमीन संबंधी काग‌जात आदि आवेदन के साथ अटैच किया जाएगा.

आरएएस ईकाई भी जरूरी है
योजना के तहत हैचरी निर्माण हेतु निजी और लिज (निबंधित एकरारनामा रुपए 1000 के नन-जूडिशियल स्टाम्प पर न्यूनतम 09 वर्ष का) पर भूमि होना जरूरी है. भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या अद्यतन मालगुजारी रसीद (एक वर्ष पूर्व का) आवेदन के साथ संलग्न करना आवश्यक होगा. पालन मात्स्यिकी हेतु निजी/लिज (एकरारनामा 11 माह) / वैध पट्टा (सरकारी बंदोबस्त तालाब में) पर तालाब/बायोफ्लॉक टैंक, आरएएस ईकाई का होना भी जरूरी है. माइनर कार्प हैचरी एवं कैट फिश हैचरी लगाने के लिए आवेदक के पास एक एकड़ भूमि (निजी/लीज पर तथा विवाद रहित) की जरूरत होगी.

कब तक किया जा सकता है आवेदन
योजना के तहत हैचरी या फिर “पालन मात्स्यिकी” में से किसी एक खर्च की ही सब्सिडी के लिए अप्लाई किया जा सकता है. साथ हीं एक व्यक्ति या परिवार को अधिकतम 1 एकड़ (02 इकाई) तथा न्यूनतम 0.25 एकड़ जलक्षेत्र के लिए सब्सिडी दी जाएगी. आवेदन की प्रक्रिया की बा की जाए तो योजना हेतु आवेदन https://state.bihar.gov.in पर ऑनलाइन करना होगा. आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है.

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