नई दिल्ली. मछली पालन का बिजनेस करके भी अच्छी कमाई की जाती है. एक्सपर्ट भी मछली पालन को फायदे का सौदा बताते हैं. अगर ठीक से मछली पालन कर लिया तो लाखों रुपये सालाना कमा सकते हैं. मछली पालन को सरकार बढ़ावा भी दे रही है. कई सारी योजनाएं सरकार चला रही है. मौसम के बदलाव के समय मछली पालन में अगर कुछ तकनीकों का सहारा लिया जाए तो फिर इससे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हासिल किया जा सकता है. गर्मी के मौसम में मछली पालन से अच्छी इनकम लेने के लिए मछली के सही रखरखाव की जरूरत होती है. आइये जानते हैं अच्छी ग्रोथ के लिए मछलियों को गर्मी में फीड किस तरह दें.
फिश एक्सपर्ट का कहना है, बदलते मौसम में सबसे अच्छा तरीका है कि सावधानी बरतें और बीमारियों से बचें. पानी को साफ रखें. एक्सपर्ट के मुताबिक चूना, लाल दवा या सीफेक्स का प्रयोग करें. एक्सपर्ट का कहना है कि मछलियों की ग्रोथ और ज्यादा प्रोडक्शन के लिए जरूरी है कि समय-समय पर उन्हें उचित मात्रा में फीड दिया जाए.
फीड देने में समय का रखें ध्यान: एक्सपर्ट का कहना है कि मछलियों को फीड देने तक की बात तो ठीक है, लेकिन इसको देने का सही समय भी होता है. अगर सही समय पर फीड न दिया जाए तो भी मछली पालन में फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि हर मछली पालक ये जान ले कि मछलियों को फीड देने का सही समय क्या है. मछलियों की अच्छी ग्रोथ के लिए जानिए क्या है फीड का टाइम.
- मछली को फीड देने का सही समय सुबह या शाम का है, जब पानी का टेंपरेचर कम होता है. आहार देते समय एक दिन में आधी मात्रा दें.
- कृत्रिम आहार दें, इस आहार में जीवों तथा वनस्पतियों का यूज किया जाता है.
- प्राणिजन्य आहार में मछली का चूरा, झींगा का चूरा, रेशम के कीड़ों के बच्चे दे सकते हैं.
- मछलियों को मूंगफली की खली, सरसों की खली, सोयाबीन की खली और अधिक चावल का भूसा, गेहूं की भूसी 1:1 अनुपात में दिया जा सकता है.
- मछली की संचयन सघनता का प्रमाण ज्यादा होने पर और दूषित कृत्रिम खाद्य देने से मछलियों मे बीमारी की संभावना होती है.
- बैलेंस्ड में पोषक तत्वों कि कमी व जलीय प्रदूषण के कारण मछली में कमजोरी आती है.
- फीड की दर मछली को उसके वजन के 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत मात्रा के दर से आहार दें. जैसे कि 1 किलो की मछली को 50 से 100 ग्राम की फीड देनी चाहिए.
- एक हेक्टेयर के हिसाब से जोड़ा जाए तो इस हिसाब से 1 हेक्टेयर के तालाब के लिए 1 से 1.5 टन आहार प्रति वर्ष लगता है.