नई दिल्ली. बिहार की सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इसका असर भी अब दिखने लगा है. सरकार की तमाम योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना है, जिसके तहत बहुत से किसान जुड़े हैं और उन्हें फायदा भी मिल रहा है. उदाहरण के तौर पर सिवान जिले के एक किसान ने मछली पालन की ट्रेनिंग लेकर तालाब का निर्माण कराया और अच्छी आमदनी कमा रहे हैं. यही वजह है कि समेकित मछली पालन के द्वारा लागत घट रही है, आमदनी बढ़ी है और रोजगाार के अवसर खुले हैं.
सिवान जिला के प्रेमशंकर प्रसाद ने मछली प्रशिक्षण हासिल कर अपनी एवं लीज के जमीन पर लगभग 2 हजार 346 हेक्टर में तालाब का निर्माण करा कर मछली पालन का कार्य शुरू किया. प्रेमशंकर प्रसाद ने साल 2012-2021 तक जिसके फलस्वरूप इनका आमदनी में काफी वृद्धि हुई. साल 2022-2023 ऑनलाइन आवेदन कर के मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के माध्यम से अनुदान प्राप्त कर सफल मत्स्य पालन का कार्य किया.
3.76 लाख रुपए की दी गई सब्सिडी
सिवान जिले में मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना की प्रगति की बात की जाए तो अकेले सिवान जिले के कुल 135 किसान अब तक इस योजना से जुड़कर मछली पालन के माध्यम से आत्मनिर्भर हुए है.
इन 135 किसानों को योजनान्तर्गत 3.76 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गयी है. समेकित चौर विकास योजना से बेकार भूमि हो रही गुलज़ार, चौर क्षेत्र में मत्स्य उत्पादन कर किसान खुशहाल हो रहे हैं.
बता दें कि सिवान जिले में मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना की प्रगति, चिन्हित क्लस्टरों के अलावा 28 हेक्टेयर अतिरिक्त चौर भूमि को योजना से फायदा पहुंचाया गया है. इसी प्रकार सिवान जिले की कुल 108.9 हेक्टेयर चौर भूमि योजनांतर्गत विकसित की गई है.
सिवान जिले में मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के लिए तीन प्रखंडो यथा-भगवानपुर, बसंतपुर और गोरियाकोठी चिन्हित की गयी है.
पहचाने गए 03 प्रखंडो के दूधारा चौर क्लस्टर, शेखपुरा चौर क्लस्टर, जानकीनगर चौर क्लस्टर आदि की बेकार पड़ी 80 हेक्टेयर चौर भूमि अब मत्स्य पालन का केंद्र बन कर उभरी है.
इन क्लस्टरों के 60 मत्स्य पालक योजना से जुड़कर अपने परिवार का जीवन संवार रहे हैं.