Fisheries: भारत में तेजी से बढ़ा मछली पालन में निवेश, यहां पढ़ें आंकड़े

Under the Prime Minister Matsya Sampada Yojana (PMMSY), the flagship scheme of the Government of India in Andhra Pradesh, a total investment of Rs 2300 crore has been envisaged in the fisheries sector for five years. livestockanimalnews

समुंद्र से मछली पकड़ते मछुआरे. Live stockanimalnews

नई दिल्ली. मछली पालन सेक्टर अब तेजी के साथ बढ़ रहा है. गुजरे नौ साल में मछली पालन सेक्टर ने खूब कामयाबी हासिल की है. यही वजह है कि इस सेक्टर में 38 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश हुआ है जो अब तक का सबसे ज्यादा है. ऐसा केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण मुमकिन हो सका है. केन्द्रीय मत्स्य-पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला का कहना है कि 20 हजार करोड़ रुपये की सबसे बड़ी योजना पीएम मत्स्य संपदा योजना के अलावा पांच करोड़ रुपये की नीली क्रांति योजना के कारण भी सेक्टर ने मील का पत्थर तय किया है. दरअसल, वो केन्द्र सरकार की नौ साल की उपलब्धियां गिना रहे थे.

3 करोड़ लोगों को मिला रोजगार
उन्होंने कहा कि इस सेक्टर से तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. जबकि मौजूदा दौर में भारत मछली उत्पादन में आठ फीसद के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. वहीं पानी के सभी उत्पादों के मामले में भारत इस वक्त दूसरे स्थान पर है. जबकि झींगा उत्पादन और निर्यात के क्षेत्र में तो भारत ने विश्वभर में अपनी धमक दिखाई है. इस सेक्टर से जुड़े लोगों ने तो बीते नौ साल के दौरान भारत सरकार ने मात्स्यिकी और जलीय कृषि क्षेत्र के विकास, मछुआरों और मत्स्य किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए कई परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं, जो सेक्टर को बहुत फायदा पहुंचा रहा हैं. जिससे रोजगार भी बढ़ रहा है.

नौ साल में 96 लाख टन से 162 लाख टन पर पहुंचा मछली उत्पादन
गौरतलब रहे कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) 2020-21 संचालित किया जा रही है. दावा किया गया है कि यह देश में मात्स्यिकी और जलीय कृषि क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है. इसके अलावा राज्यों और दूसरी एजेंसियों के लिए 2020-21 से 2022-23 तक पिछले तीन साल के दौरान पीएमएमएसवाई के तहत 14656 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को हरी ​झंडी दिखाई गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 1950 से लेकर 2021-22 के के आखिरी तक की बात की जाए तो राष्ट्रीय मत्स्य उत्पादन में 22 गुना का इजाफा हुआ है. वहीं पिछले नौ साल दौरान भारत का सालाना मछली उत्पादन 95.79 लाख टन (2013-14 के अंत में) से बढ़कर 162.48 लाख टन (2021-22 के अंत में) के सबसे ऊंचे रिकॉर्ड को छू लिया है. दावा किया जा रहा है कि इस दौरान मछली उत्पादन में 66.69 लाख टन का इजाफा दर्ज किया गया है. इसके अलावा साल 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय मत्स्य उत्पादन के 174 लाख टन (अनंतिम आंकड़े) तक पहुँचने या उससे ज्‍यादा होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

क्या-क्या योजनाएं शुरू हुईं, डालें एक नजर

नीली क्रांति योजना के तहत पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश इस सेक्टर को मिला है.

7.5 हजार करोड़ रुपये का निवेश मात्स्यिकी और जलकृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ) में हुआ है.

20 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत भारत सरकार ने किया.

छह हजार करोड़ रुपये की उप-योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में पीएमएमएसवाई के तहत की गई है.

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