नई दिल्ली. आमतौर पर भी देखा जाए तो ज्यादातर बकरी पलक इसका पालन दूध और मीट के लिए ही करते हैं लेकिन बकरी पालन का एक और भी फायदा है. जिसे जानना हर गोट फार्मर के लिए जरूरी है. दरअसल नेचुरल और ऑर्गेनिक फार्मिंग की चर्चा के बीच बकरियों की मेंगनी भी खूब खरीदी जा रही है. इसकी डिमांड का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मेंगनी खरीदने वाले 6-6 महीने पहले ही इसका एडवांस दे देते हैं. ऐसे में बकरी पालन करके जहां आप दूध और मीट से फायदा उठा सकते हैं तो वही इसकी मेंगनी से भी अच्छा खासा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. जहां सरकार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए मदद कर रही है तो वहीं बकरी रिसर्च संस्थानों की ओर से भी तकनीकी जानकारी मुहैया कराई जा रही है.
किस लिए करना चाहते हैं बकरी पालन
केंद्र सरकार का केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान सीआईआरजी मुथरा साइंटिफिक तरीके से बकरी पालन करने पर जोर देता है और साइंटिफिक तरीके से उनके रखरखाव से जुड़ी तमाम जानकारियां बकरी पलकों को देता रहता है. संस्थान के मुताबिक शुरू में 25 बकरियों से आप इसका पालन शुरू कर सकते हैं. जिसके लिए शेड की आवश्यकता होती है. संस्थान के मुताबिक किसी भी अच्छा फार्मर को या पता होना चाहिए कि वह किस वजह से बकरी पालन करना चाहता है. मसलन दूध के लिए मीट के लिए या फिर ब्रीडिंग सेंटर चलाने के लिए. इन तीनों ही कामों के लिए प्योर नस्ल के बकरे बकरियों की जरूरत होगी जिसका दाम अलग-अलग होता है.
क्या करना होगा गोट फॉर्मर्स को
मथुरा यूपी में बकरी पालन कर रहे गोट एक्सपर्ट राशिद का कहना है कि 20 से 25 बकरा बकरियों के साथ गोट फार्मिंग का कार्य शुरू किया जा सकता है, जिसके लिए 20 स्क्वायर फीट लंबे और 20 फीट चौड़े हाल की जरूरत होती है. हाल को तैयार करने के लिए बाजार रेट की बात की जाए तो 100 से 150 रुपए स्क्वायर साइज़ फीट खर्च आता है. जबकि बिजली के उपकरण और उनकी फिटिंग का खर्च अलग होगा. सीआईआजी के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. एके दीक्षित का कहना है कि यदि कोई भी व्यक्ति 25 बकरियों को पालने का प्लान बना रहा है तो 25 बकरियों के साथ ही पांच बकरे भी पालने होंगे. बकरियों के शेड के लिए कोई बहुत ज्यादा तैयारी करने की जरूरत नहीं होगी. 20 और 5 बकरे के पालन में सिर्फ 3.30 लख रुपए तक का खर्च आएगा. बकरी-बकरे को उस जगह पर रखा जाए जो जगह जमीन से थोड़ी ऊंची हो. हर 6 महीने पर उसकी मिट्टी बदलना जरूरी है. ताकि बकरी बकरियों को बीमारी से बचाया जा सके.