Goat Farming: बकरी की इस नस्ल को पालें दूध और मीट दोनों से होगी कमाई, यहां पढ़ें डिटेल

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बीटल बकरी, goatwala.com

नई दिल्ली. कोई ऐसा काम हो जिसमें डबल फायदा होता हो तो फिर उसे करने में ज्यादा अच्छा लगता है. क्योंकि वो बिजनेस दो तरह से मुनाफा पहुंचाता है. ठीक इसी तरह से बकरी पालन भी है. अगर बकरी पालन किया जाए तो इसमें दूध और मीट दोनों से कमाई की जा सकती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG) के एक्सपर्ट का कहना है कि बकरियों की ऐसी कई नस्लें हैं, जो मीट और दूध दोनों के उत्पादन के लिए बेहतर होती हैं. अगर इन नस्लों का चुनाव करके बकरी पालन किया जाए तो हर तरह से फायदा ही फायदा होगा.

CIRG के एक्सपर्ट ने लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को बताया कि बीटल नस्ल की बकरियों को पालते हैं तो दोनों फायदा होगा. वहीं जखराना से मीट का अच्छा उत्पादन मिलेगा.

जखराना के बारे में जानें
राजस्थान के अलवर जिले के जखराना गांव की बकरी को खासतौर पर दूध और मीट के लिए ही पाला जाता है.

इसके बकरे ही नहीं बकरियां भी ऊंची और लम्बी-चौड़ी नजर आती हैं. जखराना के बकरे 55 से लेकर 58 किलो वजन तक के तो पाए जाते ही हैं.

इनका वजन 60 किलो या उससे ज्यादा भी हो जाता है. बकरी का वजन 45 किलो तक होता है.

जखराना की पहचान उसकी लम्बाई-चौड़ाई तो है ही, साथ में इनका काला रंग और मुंह समेत कान पर सफेद रंग के धब्बे भी होते हैं.

बीटल की क्या है खासियत
बीटल नस्ल के बकरे-बकरी पंजाब के गुरदासपुर, फिरोजपुर और अमृतसर मूल के हैं. ये अपनी लम्बाई की वजह से जानें जाते हैं.

बकरे का वजन 57 से 60 किलो तक होता है. वहीं बकरियों का वजन 45 किलो तक का होता है.

बीटल बकरियां 150 से 200 लीटर तक दूध देती हैं. बकरियों में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बीटल नस्ल ही है.

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