नई दिल्ली. बकरी पालन (Goat Farming) में सोनपरी बकरी बड़ी ही अहमियत रखती है. इसके बारे में कहा जाता है कि ये एक ऐसी बकरी है जिसे किसानों का एटीएम भी कहा जाता है. इस बकरी से किसानों को तीन तरह से कमाई होती है. किसान इस बकरी के दूध को निकालकर बेच सकते हैं. साथ ही इस बकरी का मीट भी बहुत अच्छा होता है. इसकी डिमांड ज्यादा होती है. इससे भी किसानों को कमाई होती है. जबकि यह बकरी ज्यादा बच्चों को देने की क्षमता रखती है. इस वजह से भी यह बकरी बेहद ही खास है. अगर कोई किसान भाई इस बकरी को पलता है तो फिर उसे मुनाफा ही मुनाफा मिलेगा.
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के एक्सपर्ट का कहना है कि सोनपरी बकरी का पालन बेहद ही फायदेमंद रहता है. इस बकरी को पालकर पशुपालक अच्छी इनकम को कमा सकते हैं.
यहां पढ़ें सोनपरी की खासियत
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में विकसित इस नस्ल को बरारी और ब्लैक बंगाल बकरी की क्रॉस ब्रीड कहा जाता है. इसी वजह से इसकी पैदावार और मीट क्वालिटी दोनों ही बेहतर है.
सोनपरी बकरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक समय में चार बच्चे तक को जन्म दे देती है. जबकि दूसरी बकरियां दो या कभी-कभी तीन बच्चों को जन्म दे पाती हैं.
सोनपरी बकरी एक दिन में आधा लीटर से लेकर एक लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है, जो छोटे किसानों के लिए निरंतर फायदेमंद है.
इस नस्ल के बकरों का मांस स्वाद में बहुत ही अच्छा माना जाता है और इसकी बाजार में डिमांड लगातार बनी रहती है.
यहां तक कहां जाता है कि इस नस्ल के बकरों के मीट का दाम 200 रुपए किलो ज्यादा मिलता है. इस लिहाज से भी यह फायदेमंद होता है.
अच्छी बात यह भी है कि यह नस्ल बीमारियों के प्रति ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता रखती है. वहीं मुश्किल परिस्थितियों में भी आसानी से पाली जा सकती है.
इसके लिए ना ज्यादा महंगे चारे की जरूरत पड़ती है न ही विशेष सुविधा करने की जरूरत पड़ती है. इसे अपने घर के आंगन में भी आसानी से पाला जा सकता है.
निष्कर्ष
यदि आप बकरी पालन करना चाहते हैं और ज्यादा अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो ये नस्ल आपके लिए बढ़िया सौदा साबित हो सकती है.