Government Scheme: इस सरकारी योजना का फायदा उठाकर शुरू करिए मछली पालन, मिलेगा फायदा

अगर आप छोटे गड्ढे में मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको तालाब के आकार को चुनना होगा. एक से 2000 स्क्वायर फीट के तालाब में आप बढ़िया मछली पालन कर सकते हैं.

तालाब में मछली.

नई दिल्ली. सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए भी कई योजनाएं चला रही है. ताकि देश में मछली पालन बढ़े. अच्छी बात तो ये है कि सरकार की योजनाओं का फायदा भी नजर आने लगा है और देश में मछली उत्पादन तेजी से बढ़ा है. क्योंकि लोग योजनाओं का फायदा उठाकर मछली पालन का काम शुरू कर रहे हैं. वहीं बिहार जैसे राज्य में भी मछली पालन से जुड़ी कई योजनाएं चल रही हैं और यहां भी योजना का फायदा उठाकर राज्य के लोग मछली पालन के काम में आगे आ रहे हैं. इससे मछली पालन भी बढ़ रहा है और उनकी इनकम में भी इजाफा हो रहा है.

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए “तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना” के तहत आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के लोग आवेदन कर सकते हैं.

क्यों शुरू की गई योजना
योजना के उद्देश्य की बात की जाए तो इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के मत्स्य किसानों को विशेष सहायता के तहत रिथरिंग तालाब निर्माण, बोरिंग पम्पसेट, सबमर्सिबल का सेटअप, मत्स्य इनपुट, शेड का निर्माण, यांत्रिक एरेटर आदि सम्बद्ध सहायक इकाईयों का एक “पैकेज सहायता प्रदान किया जाना है. ताकि मछली पालन में किसानों को कहीं कोई दिक्कत न आए.

योजना का क्रियान्वयन
यह योजना, बिहार के सभी जिलों में लागू की जाएगी. एक व्यक्ति या परिवार को योजनान्तर्गत अधिकतम एक एकड़ जलक्षेत्र तथा न्यून्तम 0.4 एकड़ जलक्षेत्र के तालाब निर्माण पर पैकेज इकाई का फायदा मिलेगा.

कितनी मिलेगी सब्सिडी, जानें यहां
योजना के तहत रियरिंग तालाब निर्माण एवं जुड़ी हुई इकाईयों के सेटअप पर अधिकतम 10.10 लाख प्रति एकड़ जलक्षेत्र (इकाई लागत) मिलेगा.

योजना से निर्धारित इकाई लागत पर 70 प्रतिशत राशि अनुदान (सब्सिडी) के रूप में देय है, शेष राशि लाभार्थी द्वारा स्वलागत अथवा बैंक ऋण से किया जाएगा.

लाभार्थी का चयन
(1) तालाब के निजी स्वामित्व के लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, मालगुजारी रसीद, लीज के भूमि में लीज का निबंधित एकरारनामा, नन-जूडिशीयल स्टांप (1000-रुपये) पर एकरारनामा (न्यूनतम 09 वर्ष का) आवेदन के साथ संलग्न करना आवयश्क होगा.

(2) नन-ज्यूडिशियल स्टांप पर एकरारनामा के मामले में भू-स्वामी या स्वामियों से भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र, रसीद आवेदन के साथ देना जरूरी है.

(3) लाभार्थीयों के द्वारा मोबाइल नंबर और बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड अंकित किया जाएगा. जाति प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड नंबर की अभि प्रमाणित प्रति संलग्न की जाएगी.

आवेदन की प्रक्रिया की बात की जाए योजना हेतु आवेदन https://fisheries.bihar.gov.in पर किए जा सकेंगे.

आवेदन करने की अंतिम तिथि 31.08.2025 तक है.

इस योजना की डिटेल जानकारी राज्यादेश संख्या-1983 दिनांक 07.05.2025 से प्राप्त की जा सकती है जो विभागीय वेबसाईट https://state.bihar.gov.in/ahd/Citizen Home-html से ले सकते हैं.

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