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Dairy: नंद बाबा दुग्ध मिशन के लिए UP सरकार ने खोला खजाना, जानें कितना मिला बजट, क्या होगा फायदा

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. भारत दुनिया में दूध उत्पादन के मामले में सबसे आगे है. यहां सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन किया जाता है. वहीं भारत में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन होता है. यानी उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन करने वाला राज्य है. राज्य में दूध उत्पादन को और ज्यादा बढ़ाने के लिए भी सरकार तमाम कोशिशें करती रही है. इन्हीं कोशिशों में सरकार की ओर से नंद बाबा दुग्ध मिशन की शुरुआत की गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार की ये एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत दूध उत्पादन बढ़ाने और गायों की नस्ल सुधार करने को लेकर काम किया जा रहा है.

20 फरवरी गुरुवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने बजट 2025-26 पेश किया है. जिसमें नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से 203 करोड़ रुपए का निवेश किए जाने का ऐलान किया गया है. वहीं सरकार ने दुग्ध संघों को मजबूत करने के लिए भी 107 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है.

क्या है योजना का फायदा
कहा जा रहा है कि मिशन के तहत सरकार की तरफ से किए जा रहे तमाम कामों को करने में 203 करोड़ के इस बजट से और ज्यादा बल मिलेगा. बता दें कि नंद बाबा दुग्ध मिशन योजना के तहत लोगों को गाय की डेयरी खोलने के लिए सरकार की ओर से मदद की जाती है. किसानों को पशुपालन विभाग 11 लाख 80 हजार रुपए तक अनुदान देता है. ये अनुदान राशि का 50 फीसदी है. जबकि योजना की कुल लागत 23 लाख 60 हजार रुपए तक है. योजना का मकसद प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है. जिससे किसानों की आय बढ़ रही है.

मजबूत किए जाएंगे दुग्ध संघ
आपको बता दें कि नंद बाबा दुग्ध मिशन से गायों की नस्ल सुधार और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है. वहीं डेयरी किसानों को ट्रेनिंग भी दी जाती है. ताकि वो गायों का पालन सही से कर पाएं और उनसे ज्यादा दूध का उत्पादन हासिल करें. वहीं सरकार की ओर से दुग्ध संघों को मजबूत करने और उन्हें फिर से जिंदा करने के लिए 107 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. इससे इससे किसानों को उनके डेयरी फार्म में उत्पादित दूध का वाजिब दाम मिलेगा और ग्राहकों को इससे समय पर अच्छी क्वालिटी का दूध भी उपलब्ध होगा. दुग्ध संघों को मजबूत करने और और उन्हें पुनर्जीवित करने से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.

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