Green Fodder: कब और कैसे करें बरसीम की सिंचाई और कटाई, जानिए यहां डिटेल

हरे चारे में बरसीम बेहद मायने रखती है. इसके जरिए पशु की हेल्थ तो सुधरती है साथ ही खेत की उवर्रक क्षमता भी बढ़ती है.

बरसीम की प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. हरे चारे में पाई जाने वाली बरसीम में कई पोषक तत्व होते हैं. इस वजह से बरसीम पशुओं खिलाने के कई फायदे होते हैं. बरसीम खिलाने से पशुओं की सेहत सुधरती है और उनसे दूध उत्पादन भी बढ़ता है. अगर आप बरसीम की खेती करते हैं तो इससे मिट्टी की क्वालिटी में सुधार होता है. अगर आप भी पशुओं को बरसीम खिलाना चाहते हैं तो इसकी खेती करनी चाहिए. ताकि आपके पास साल भर पशुओं के लिए भरपूर हरा चारा बना रहे और जो पशुओं के लिए पौष्टिक भी हो. बरसीम की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आज आपको बता रहे हैं कि बरसीम की खेती के लिए सिंचाई और कटाई कब करनी चाहिए.
दुधारू पशुओं में हरे चारे की बहुत अहमियत होती है. हर चारा खिलाने से पशुओं को प्रोटीन मिलती है साथ ही दूध बढ़ता है. कई चीजें हरे चारे से मिलती है. हरा चारा पशुओं की सेहत सुधारने में भी काम करता है. हरे चारे में बरसीम बेहद मायने रखती है. इसके जरिए पशु की हेल्थ तो सुधरती है साथ ही खेत की उवर्रक क्षमता भी बढ़ती है.

कब करें सिंचाई: अच्छे अंकुरण व बढ़ोतरी के लिए बरसीम की बुवाई के बाद 4-5 दिन के अंतराल पर 2-3 हल्की सिंचाई करें. बाद में आवश्यकतानुसार 14-18 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहें.

कटाई: बरसीम से नवम्बर के अंत से अप्रैल तक पांच कटाई प्राप्त की जा सकती हैं. पहली कटाई बुवाई के 50 से 55 दिनों के बाद करें. एवं शेष कटाईयां 30-35 दिन के अंतराल पर करें. बरसीम से अगर बीज उत्पादन लेना हो तो मार्च के बाद कटाई बंद कर दें. मई तक बीज पककर तैयार हो जाते हैं.

खरपतवार नियंत्रण: फसल की प्रारम्भिक अवस्था में दूब, कृष्णनील, गजरी, सैंजी, कासनी आदि खरपतवार अधिक उग आते हैं. फसल की प्रारम्भिक कटाई जल्दी करके एकवर्षीय खरपतवारों को नियंत्रित करें. खरपतवारों को काटकर या उखाड़कर खेत से बाहर
निकाल दें.

पैदावार: चारा फसलों में बरसीम का प्रमुख स्थान है. बरसीम से 800-1200 क्विंटल हरा चारा प्रति हैक्टेयर प्राप्त होता है. अगर फरवरी के बाद फसल बीज के लिए छोड़ दें तो 300-400 किलो बीज और 500-600 क्विंटल हरा चारा प्रति हैक्टेयर मिलता है. बरसीम के लिए 15 से 20 टन गोबर की खाद बुवाई के एक माह पहले खेत में मिलाएं और 20-30 किलो नत्रजन व 80 किलो फॉस्फोरस प्रति हैक्टेयर बुवाई से पहले खेत में डालें. नवम्बर के अंत से अप्रैल तक लगभग 12सौ क्विंटल हरा चारा प्रति हैक्टेयर प्राप्त होता है.

ये है बरसीम की उन्नत किस्में
मसकावी, वरदान, बी.एल.-10, बी.एल-22, जे.वी-1, खदरावी, फाईली, पूसा जाइन्ट, टी-780, टी-678, टी-724 बरसीम की उन्नत किस्में हैं.

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