नई दिल्ली. केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बताया कि गत 15 अगस्त को लाल किले मैदान से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने GST में बड़ी राहत का ऐलान किया था, उसमें फिशरीज सेक्टर को भी फायदा हुआ है. मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के GST की कमी ने देश के मछुआरा भाइयों, मत्स्य किसानों और देश के मछली निर्यातकों को बहुत बड़ी राहत दी है. सरकार ने फार्म इनपुट स्थापित करने में उपयोग होने वाली सभी सामग्रियों और उपकरणों में लगने वाले GST में भारी कटौती की है जिससे प्रोसेसिंग खर्च घटेगा और निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि अब मछली का तेल, झींगा और अन्य प्रसंस्कृत उत्पादों पर जीएसटी 12 फीसद से घटाकर 5 परसेंट कर दिया गया है. पंप, डीजल इंजन, एरेटर और स्प्रिंकलर जैसे उपकरणों पर भी केवल 5 परसेंट जीएसटी लगेगा, जबकि सूक्ष्म पोषक तत्वों और अमोनिया जैसे इनपुट की लागत भी घटेगी.
क्या फायदे हुए
मंत्री ने बताया कि जॉब वर्क सेवाओं और कम्पोस्टिंग मशीनों पर टैक्स 5 फीसद किये जाने से प्रोसेसिंग लागत घटेगी और टिकाऊ जलीय कृषि को बढ़ावा मिलेगा.
इन फैसलों से छोटे-बड़े मछुआरे, किसान, महिला स्वयं सहायता समूह और सहकारी समितियां सीधे तौर पर लाभान्वित होगी.
साथ ही भारत के समुंद्री खाद्य निर्यात को वैश्विक स्तर पर नई प्रतिस्पर्धा मिलेगी. ये नई दरें 22 सितम्बर 2025 से लागू हो जायेगी.
इस फैसले से लघु सीमांत और मध्यमवर्गीय किसान, विशेषकर महिलाएं व मछुआरे भाई सशक्त होंगे उनकी आय में वृद्धि होगी एवं आर्थिक रूप से सशक्त होंगे.
उन्होंने कहा कि GST की भारी कटौती का फायदा उठाकर अपने उत्पादन को गुणवता पूर्ण एवं बेहतरीन पैकेजींग के साथ जापान, यूके, यूरोपियन यूनियन और ऑस्ट्रेलिया सहित विश्व के कई देशों के बाजार में पहुंच बनाने की तैयारी करें.