Heat Wave: अगर आपके गाय-भैंस में दिखें ये लक्षण, तो समझ जाएं लू का हुआ है असर, जानें क्या करें

दुधारू पशुओं के बयाने के संकेत में सामान्यतया गर्भनाल या जेर का निष्कासन ब्याने के तीन से 8 घंटे बाद हो जाता है.

गाय-भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. इस वक्त गर्मी का आलम ये है कि घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है. पारा 40 के पास है. इंसान क्या जानवर भी परेशान हैं. वहीं इससे पशुओं को ज्यादा परेशानी हो रही है. दुधारू पशुओं का उत्पादन कम होने से पशुपालकों को नुकसान सहना पड़ रहा है. दरअसल, मौसम विज्ञान विभाग की ओर से बताया गया कि कई राज्यों में लू चल रही है और कई राज्यों में चलने वाली है. ऐसे में पशुओं की और ज्यादा देखभाल करने की जरूरत है. पशुपालकों को पता होना चाहिए कि कैसे अपने पशुओं को चलने वाली हीट वेव से बचाएं. यहां हम आपको बताएंगे कि अगर गाय और भैंस पर हीट वेव का असर होता है तो क्या लक्षण दिखाई देते हैं.

बता दें कि पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के कई हिस्सों और राजस्थान के कुछ इलाकों में लू से लेकर गंभीर लू चलने की संभावना है. जबकि तीन दिन तक यूपी, एमपी, गांगेय पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-अलग/कुछ इलाकों में लू चलने की संभावना है. लू चलने पर खासतौर पर छोटे बड़े पशुओं की ज्यादा देखभाल करनी चाहिए. उन्हें ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंडा मौसम दोनों ही नुकसान पहुंचाता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्टः एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि जब लू चलने लगे तो पशु आवास में साफ हवा जाने और दूषित हवा बाहर निकलने के लिए रोशनदान होना चाहिए. अगर पशुशाला में रोशनदान न हो तो तुरंत इसे बनवा लें. गर्म दिनों में पशु को 24 घंटे के अंदर कम से कम दो बाहर जरूर नहलाना चाहिए. दिन में नहलाएं और शाम को भी नहलाएं. जबकि ब्लैक स्किन होने के नाते भैंसों को ठंडे पानी से नहलाना बेहद ही जरूरी है. वहीं पशु को ठंडा पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाना भी बेहद जरूरी होता है. अगर पशु 10 लीटर दूध दे रहा है तो कम से कम 30 लीटर पानी की आवश्यकता उसे होती है. जबकि गर्मी में और ज्यादा पानी देना चाहिए. वहीं संकर नस्ल के पशु जिनको अधिक गर्मी सहन नहीं होती है उनके आवास में पंखे या कूलर लगाना चाहिए. ताकि उन्हें गर्मी से बचाया जा सके.

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