Meat: चार साल में यूपी से सबसे ज्यादा हुआ बफैलो मीट का एक्सपोर्ट, यहां पढ़ें 2020 से 24 तक के आंकड़े

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भारत इस वक्त उस दौर में है जब यहां से पूरी दुनिया में भैंस का मांस एक्सपोर्ट लगातार बढ़ रहा है. साल दर साल भारत से बफैलो मीट का एक्सपोर्ट बढ़ता ही जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि साल 2024 में बफैलो मीट प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट में भारत और ज्यादा आगे जाने वाला है. अगर बात की जाए देश में किस राज्य से सबसे ज्यादा मीट एक्सपोर्ट किया जा रहा है तो पहला नंबर उत्तर प्रदेश का आता है. यूपी से साल 2020 से 2024 तक 19 लाख टन बफैलो मीट का एक्सपोर्ट किया गया है. जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र का नंबर आता है.

बताते चलें कि अमेरिकी कृषि विभाग की विदेशी कृषि सेवा द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में भैंस मीट का प्रोडेक्शन और एक्सपोर्ट करने वालों के लिए बहुत अच्छा रहेगा. बताया जा रहा है कि उत्पादन और एक्सपोर्ट दोनों में ही उछाल आएगा. इसके पीछे रिपोर्ट में तीन महत्वपूर्ण कारण बताए गए है. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इस दौरान भारत में पशुओं की संख्या भी बढ़ेगी. बता दें कि मीट के लिए काटी जाने वाली भैंसों की तादात में भी हर साल इजाफा हो रहा है.

यूपी और महाराष्ट्र के आंकड़े
527999 टन मीट उत्तर प्रदेश से साल 2023-24 में एक्सपोर्ट हुआ.
जबकि इसी साल महाराष्ट्र से बफैलो मीट का एक्सपर्ट 290797 टन किया गया.

साल 2022-23 में उत्तर प्रदेश से 649671 टन बफैलो मीट एक्सपार्ट हुआ.
महाराष्ट्र से इसी साल 369824 टन बफैलो मीट एक्सपोर्ट किया गया था.

वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश से 357081 टन बफैलो मीट दुनियाभार में एक्सपोर्ट हुआ था.
इसी साल महाराष्ट्र से 37875 टन बफैलो मीट का एक्सपार्ट किया गया था.

साल 2020-21 में उत्तर प्रदेश से 511663 टन बफैलो मीट का एक्सपोर्ट किया गया था.
वहीं इसी साल महाराष्ट्र से 306977 टन बफैलो मीट का एक्सपोर्ट पूरी दुनिया में किया गया.

भारत में बढ़ रही भैंस के मीट की मांग
इसके अलावा भारतीय लोगों में भी भैंस के मीट के प्रति मांग बढ़ी है. 2024 बाजार वर्ष (जनवरी-दिसंबर) के लिए अपनी रिपोर्ट में 2023 में 2.92 मिलियन टन के मुकाबले 2024 में भैंस के मांस की खपत 2.97 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान लगाया है. भैंस के मीट के लिए सबसे बड़ी खपत युवा उपभोक्ताओं द्वारा भोजन में इस्तेमाल करने के कारण है. दिसंबर 2023 में आई पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की रिपोर्ट में भैंसों की संख्या को बढ़ाया हुआ दिखाया गया. मंत्रालय ने बकरे और मुर्गों की संख्या के बारे में बताया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भैंस की डिमांड सिर्फ भारतीय बाजार में ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी लगातार बढ़ रही है.

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