Dairy: गायों-भैंसों का इलाज होम्योपैथी से करने के लिए इंडिया की बड़ी डेयरी कंपनी को मिला इंटरनेशनल अवार्ड

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आईडीएफ में अवार्ड पाने वाले लोग

नई दिल्ली. भारत दुनियाभर में दूध उत्पादन में नंबर वन है. पशुपालन में यहां समय-समय पर रिसर्च और इनोवेशन होते ही रहते हैं. डेयरी सेक्टर में बेहतरीन काम करने के लिए अब भारत का मान एक बार फिर से विदेश में बढ़ा है. दरअसल, इंडिया की बड़ी डेयरी कंपनी अमूल को गायों-भैंसों का होम्यौपैथी से इलाज करने के लिए इंटरनेशनल अवार्ड से नवाजा गया है. इतना ही नहीं इस इंटरनेशनल अवार्ड को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और आशा महिला दूध उत्पादक कंपनी लिमिटेड ने भी हासिल किया है. वहीं इस मंच से दुनियाभर के 10 लोगों को पुरस्कार दिए गए हैं. जिसमें भारत के खाते में तीन अवार्ड आए हैं.

गौरतलब है कि IDF डेयरी इनोवेशन अवार्ड्स एक अंतर्राष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन पहल है. जिसे वैश्विक डेयरी क्षेत्र में इनोवेटिव प्रथाओं प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया है. जिसे पहली बार 2022 में जेनिथ ग्लोबल के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया था और टेट्रा पैक से हेडलाइन प्रायोजन द्वारा समर्थित किया गया था. इसी के तहत तीसरे वार्षिक IDF डेयरी इनोवेशन अवार्ड्स के विजेताओं की घोषणा 18 अक्टूबर को, फ्रांस के पेरिस में IDF वर्ल्ड डेयरी समिट 2024 में इनोवेशन पर एक विशेष प्लेनरी सेशन के दौरान की गई.

इनोवशेन से आते हैं पॉजिटिव बदलाव
इस सत्र के दौरान इनोवेटिव समाधानों को प्रदर्शित करने वाले वीडियो प्रस्तुत किए गए, जिसमें पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियों के बारे में बताया गया.. टेट्रा पैक यूएस के वाइस प्रेसिडेंट प्रोसेसिंग लिक्विड फ़ूड सॉल्यूशंस, विन्सेन्ज़ो बेनेवेटो ने सभी विजेताओं, फाइनलिस्ट और उपस्थित लोगों से संवाद किया. उन्होंने कहा पर्यावरण की देखभाल और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव दोनों के संदर्भ में स्थिरता पर विशेष ध्यान देने के साथ, पुरस्कार उन इनोवेटिव प्रथाओं को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते हैं जो दूध और डेयरी खाद्य पदार्थों की खेती और प्रोसेसिंग में सुधार करते हैं. उन्होंने कहा कि इनोवशन का मतलब, सकारात्मक बदलाव लाने वाले सामान और सेवाओं को डिजाइन करना, उत्पादन करने और विपणन करने के लिए नए दृष्टिकोण पेश करना है.

पशु देखभाल के लिए अमूल को मिला अवार्ड
अमूल डेयरी ने डेयरी पशुओं के लिए होम्योपैथिक दवा के उपयोग का बीड़ा उठाया है. जिसका उद्देश्य एंटीबायोटिक ​रेजिस्टेंस का मुकाबला करना है. 26 सामान्य बीमारियों के लिए नए उपचारों के माध्यम से, 68 हजार से अधिक पशुओं का इलाज किया गया. जिससे एंटीबायोटिक का उपयोग कम हुआ और संधारणीय डेयरी को बढ़ावा मिला. मई 2024 तक अमूल ने 30 मिली की 3.30 लाख होम्योपैथिक दवा की बोतलें बनाई हैं और मई 2024 तक 1.80 लाख वितरित की हैं. जिससे पशुओं का सफल इलाज हुआ.

महिलाओं को बनाया मजबूत
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के तहत आने वाली सुंदरबन सहकारी दूध और पशुधन उत्पादक संघ लिमिटेड, सुंदरबन में पहली महिला जैविक डेयरी सहकारी संस्था है, जो 4,500 से अधिक हाशिए पर रहने वाली महिला किसानों को सशक्त बनाती है. जैविक डेयरी उत्पादन को बहु-वस्तु Multitude कृषि के साथ एकीकृत करके, यह स्थायी आजीविका प्रदान करता है. महिलाओं की सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाता है और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को बढ़ावा देता है, जिससे समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित होता है.

सोलर एनर्जी से चलने वाला बनाया प्लांट
भारत की आशा महिला दूध उत्पादक कंपनी लिमिटेड ने सौर ऊर्जा आधारित इंस्टेंट मिल्क चिलर बनाया है. ये प्लांट सोलर एनर्जी से चलता है. जो छोटे धारक डेयरी किसानों की विशेषता वाले भौगोलिक क्षेत्रों के लिए एक बेहतरीन इनोवेशन है. साथ ही टिकाऊ पहल है. जिसके लिए इसे अवार्ड दिया गया है.

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