Animal Husbandry: पशुओं में और उनसे फैलने वाली बीमारियों में अहम रोल निभाता है IVRI, पढ़ें डिटेल

आईवीआरई में मौजूद तमाम अधिकारी.

नई दिल्ली. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान IVRI उत्तर प्रदेश के बरेली के इज्जतनगर में स्थित है. ये संस्थान पशुओं में और उनसे फैलने वाली बीमारियों के इलाज और इससे जुड़ी समस्याओं को दूर करने में अहम रोल निभाता है. गौरतलब है कि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और इण्डियन इम्यूनोलौजिकल लिमिटेड, हैदराबाद के बीच आज महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें भविष्य में इंटरनशिप तथा पब्लिक प्राइवेट पार्टनर शिप सहयोग को और आगे बढ़ाने पर अहम चर्चा हुई. इस मौके पर संस्थान के डायरेक्टर डॉ. त्रिवेणी दत्त तथा इण्डियन इम्यूनोलौजिकल लिमिटेड, हैदराबाद के मेनेजिंग डायरेक्टर डॉ. के आनन्द कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहे.

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि ये बहुत खुशी की बात है कि आईवीआरआई और इंडियन इम्यूनोलौजिकल लिमिटेड, संबंध सहयोग को और आगे बढ़ाने जा रहे हैं, जिससे न केवल संस्थान की छात्राओं को प्रेरणा मिलेगी बल्कि पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही गुणवत्ता नियंत्रण तथा शोध एवं डायग्नोसिस पर ज्यादा कार्य किया जा सकेगा.

आईवीआरई क्या-क्या करता है
डॉ. दत्त ने बताया कि संस्थान 90 से अधिक विषयों डिप्लोमा, सार्टिफिकेट तथा वोकेशनल कोर्स करा रहा है इसके अतिरिक्त संस्थान में बीटैक बायोटेक, बायोइन्फारमेशन आदि विषयो में पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं.

देश में होने वाले आउटब्रेक को संस्थान के पशु रोग अनुसंधान एवं निदान केन्द्र्, (कैडराड) द्वारा जाकर अटैण्ड किया जाता है इसक साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये जाते हैं.

इसी तरहह वन्य प्राणी केन्द्र द्वारा देश के सभी जू, सफारी तथा चिड़ियाघरो को आवश्यक दिशा-निर्देश समय-समय पर दिये जाते हैं.

संस्थान का मानकीकरण विभाग टीकों की गुणवत्ता जांच करता है चाहे हो देश में विकसित हो या विदेश में. यह विभाग गुणवत्ता जांच के साथ-साथ वैक्सीन निमार्ण भी करता है.

डा. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि संस्थान ने पशु की वृंदावनी नस्ल, सूकर की लैण्डली तथा बकरी की चैगरखा प्रजाति विकसित की है.

इस अवसर पर संस्थान निदेशक ने बंग्लूरू परिसर द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों के बारे में भी बताया.

Exit mobile version