नई दिल्ली. आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्र के डिग्री रखने वाले छात्र-छात्राओं को को कैंपस प्लेसमेंट दिलाने के लिए इसी सत्र से झाबुआ में कैंपस प्लेसमेंट की शुरुआत की जा रही है. झाबुआ यूनिवर्सिटी की अफसरों ने कहा है कि कंपनियों से चर्चा के बाद यूनिवर्सिटी यहां काउंसलिंग सेंटर शुरू करने जा रही है. इसमें रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट की बारीकियां सिखाने के साथ ही उनकी सॉफ्ट स्किल्स सुधारने पर भी काम किया जाएगा.
किन कंपनियों से हुई है बातचीत
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के विभागों व इससे जुड़े कॉलेजों में प्लेसमेंट बढ़ाने के लिए टीसीएस, इन्फोसिस, आयशर सहित कई कंपनियों के प्रतिनिधियों से बात हुई है.
यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने शहरी क्षेत्र के साथ ही पिछड़े इलाकों में संचालित कॉलेजों के योग्य युवाओं को भी प्लेसमेंट में शामिल किए जाने का प्रस्ताव रखा.
कंपनियों को प्रेजेंटेशन में बताया गया कि यहां के कॉलेजों का रिजल्ट अच्छा होने के बावजूद ग्रेजुएट्स को योग्यता के अनुरूप नौकरियां नहीं मिल पाती हैं.
इस पर कुछ कंपनियों ने ट्राइबल बेल्ट झाबुआ के लिए स्पेशल ड्राइव करने की सहमति जाहिर की है.
ये कंपनियां दिसंबर से फरवरी के बीच कैंपस प्लेसमेंट के लिए झाबुआ के कॉलेजों में पहुंचेंगी.
कितना मिलेगा पैकेज
युवाओं के लिए सम्मानजनक नौकरी के साथ अच्छा पैकेज देने की बात कही जा रही है.
सेंट्रल प्लेसमेंट सेल यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी स्थिति में सालाना पैकेज चार लाख रुपए से कम न हो.
ज्यादातर कंपनियों ने छात्रों को न्यूनतम पैकेज चार से पांच लाख रुपए से लेकर दस लाख रुपए तक देने की बात कही है.
कम्युनिकेशन सुधारने के लिए क्या कदम उठाया
कंपनियों ने ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स में ट्राइबल बेल्ट के ग्रेजुएट्स को नौकरियों पर रखने की हामी भरी है.
कंपनियों ने कहा कि स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ अपनी सॉफ्ट स्किल्स पर भी ध्यान देना होगा.
इस कमजोरी को दूर करने के लिए यूनिवर्सिटी ने एक्सपर्ट्स से ट्रेनिंग दिलाने की बात कही है.
कम्युनिकेशन स्किल सुधारने के साथ ही सालभर स्टूडेंट्स के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर भी काम किया जाएगा.