नई दिल्ली. आप पोल्ट्री फार्मिंग कर रहे हैं और अंडों के उत्पादन के लिए लेयर बर्ड को पाल रखा है लेकिन मुर्गियों से कम अंडे मिल रहे हैं तो इससे आपको नुकसान होगा. जबकि आप मुर्गियों को भरपूर दाना भी खिला रहे हैं, उनका अच्छी तरह से ख्याल भी रख रहे हैं फिर भी अंडों का प्रोडक्शन नहीं हो रहा है तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल किसी न किसी कमी की वजह से ऐसा होता है कि मुर्गियां अंडों का उत्पादन कम कर देती हैं. हालांकि उस कमी के बारे में पोल्ट्री फार्मर को जानकारी नहीं होती है.
आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि मुर्गियों का अंडा प्रोडक्शन किस वजह से कम हो जाता है. साथ ही इसके उपाय के बारे में भी जानेंगे कि कैसे अंडा प्रोडक्शन बढ़ाया जा सकता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि कई बार मुर्गी पालक सिर्फ मुर्गियों को दाना पानी ही देते रहते हैं और ये सोचते हैं कि इससे उनकी तमाम जरूरतें पूरी हो जाती हैं. जबकि सिर्फ दाना देने से ही प्रोडक्शन अच्छा नहीं मिलता है. मुर्गियों को दाना के अलावा भी कुछ चीज दी जानी चाहिए, जिससे प्रोडक्शन बेहतर होगा.
मुर्गियों को लेयर फीड खिलाएं
जिस तरह से इंसानों को कई तरह के फूड की जरूरत होती है, इसी तरीके से मुर्गियों को भी कई चीज दी जानी चाहिए. तभी बेहतर प्रोडक्शन मिलता है. ऐसा भी होता है कि लेयर मुर्गियों को कैल्शियम की कमी हो जाती है. खासतौर पर जब मुर्गियां अंडों का उत्पादन करती हैं तब उन्हें भरपूर मात्रा में कैल्शियम देना पड़ता है. अगर उनके अंदर कैल्शियम की कमी हो गई तो अंडों का उत्पादन कम हो जाता है. यदि आप चाहते हैं कि 30 से 25 अंडे महीने में मिलें तो मुर्गियों को कैल्शियम जरूर दें. इसके साथ ही मुर्गियों को लेयर फीड खिलाना चाहिए.
ग्रीन फीड भी खिलाएं
वहीं मुर्गियों को ग्रीन फीड भी भरपूर मात्रा में खिलाना चाहिए. इससे मुर्गियों में प्रोटीन और कैल्शियम की कमी दूर हो जाती है. इसके लिए खास तौर पर मोरिंगा के पत्ते मुर्गियों को खिलाए जाते हैं. क्योंकि मोरिंगा में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है और प्रोटीन भी होता है. अगर शुरू से मुर्गियों को ये देते हैं तो इससे मुर्गियों में अंडा प्रोडक्शन की कमी नहीं होगी. अगर शुरू से आपने इसको नहीं दिया है तो फिर अंडा प्रोडक्शन कम होगा. जबकि मोरिंगा के पत्तों को खिलाते हैं तो बिना दवा दिए ही बेहतर अंडों का उत्पादन मिल सकता है. इसके अलावा मुर्गियों को नीम के पत्ते भी खिलाने चाहिए. इससे मुर्गियों को कई बीमारियां नहीं होती हैं.