नई दिल्ली. उत्तराखंड के सीमांत जिलों में तैनात आईटीबीपी बटालियन को मटन, चिकन व ट्राउट फिश की सप्लाई खूब कमाई हो रही है. सरकारी आंकड़े पर गौर किया जाए तो यहां के किसानों को पांच महीने में ही करोड़ों रुपयों की कमाई करने का मौका मिल गया है. स्थानीय किसानों व पशुपालकों ने 2.6 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. बताते चलें कि अभी तक आईटीबीपी के लिए इसकी सप्लाई शहरों से होती थी. पशुपालन विभाग व आईटीबीपी के बीच हुए अनुबंध के बाद 253 किसानों व पशुपालकों मार्केटिंग की सुविधा मिली है.
पशुपालन विभाग ने 30 अक्टूबर को आईटीबीपी के साथ अनुबंध किया था. इसके तहत पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और चंपावत जिले के 10 सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठन से जुड़े 253 किसान आईटीबीपी की नजदीकी बटालियन को जिंदा मटन, चिकन, फिश की आपूर्ति कर रहे हैं. योजना के शुरुआती पांच महीने में आईटीबीपी को 79 हजाार 530 किलो की सप्लाई की गई. इसमें 42 हजार 748 किलो जिंदा भेड़-बकरी, 29 हजार 407 किलो चिकन और 7 हजार 374 किलो ट्राउट फिश शामिल है.
बढ़ रही है किसानों की इनकम
पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि योजना के तहत किसानों को सप्लाई के 24 घंटे के भीतर, डीचीटी के जरिए भुगतान किया जा रहा है. इसके लिए विभाग ने पांच करोड़ रुपये के रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था की है. योजना के तहत अईटीबीपों को सालाना 800 मीट्रिक टन महन, चिकन, फिश सप्लाई की उम्मीद है, इससे किसानों का कुल करीब 20 करोड़ का कारीबार होगा. जो सीमांत किस्तनों की आजीविका में बड़ा बदलाव लाएगा. इस योजना के बेहद सकारात्मक परिणाम आए हैं. इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इससे सीमांत क्षेत्रों के किसानों की आय बढ़ने से गांवों में पलायन भी कम होगा. साथ ही आईटीबीपी के साथ मिलकर देश की रक्षा पक्ति को मजबूत करने का काम करेंगे. आईटीबीपी को भी ताजा खाद्य सामग्री की आपूर्ति होगी.
खूब फायदा कमा रहे हैं किसान
पिथौरागढ़ जिले में मूनाकोट ब्लॉक के बड़ालू गांव के निवासी नरेंद्र प्रसाद आईटीबीपी को चिकन सप्लाई कर रहे हैं. उन्होंने 2022-23 में पशुपालन की कुक्कुट पालन योजना के तहत मुर्गी पालन का काम शुरू किया. प्रति माह करीब 16 क्विंटल चिकन की सप्लाई करते हैं. इससे आईटीबीपी को भी तीन क्विंटल सप्लाई होती है. इसी तरह मूनाकोट ब्लॉक में ही देवदार गांव के निवासी प्रकाश कोहली भी जनवरी 2025 से आईटीबीपी को 11 क्विंटल मटन सप्लाई कर चुके हैं. जिससे उन्हें 50 हजार का फायदा हुआ है. योजना का फायदा देखते हुए अब वह गोट वैली में भी आवेदन कर रहे हैं.