Meat Production: इस राज्य में मीट प्रोडक्शन के लिए सरकार बनाएगी सरहदों पर स्लाटर हाउस, पढ़ें वजह

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मार्डन स्लाउटर हाउस और मीट की प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. केरल उन राज्यों में शामिल है, जहां मीट की खपत ज्यादा है. यही वजह है कि इस राज्य में सीमाओं पर एकीकृत स्लाटर हाउस स्थापित किए जाने का प्लान पर सरकार काम कर रही है. ताकि कटिंग के लिए राज्य में प्रवेश करने वाले पशुओं का सीमा पर ही वैज्ञानिक तरीके से वध किया जा सके. जिससे राज्य के भीतर जीवित पशुओं के परिवहन को रोका जा सके. इससे रोगों के नियंत्रण में भी मदद मिलेगी. साथ ही उभरती बीमारियों और महत्वपूर्ण जूनोटिक रोगों के संबंध में महामारी विज्ञान संबंधी अध्ययनों को सुगम बनाने में भी मदद मिलेगी.

इसके अलावा बागान क्षेत्रों, राजस्व “पुरमपोक्कु”, विभागीय फार्मों में उपलब्ध भूमि का उपयोग आधुनिक बूचड़खानों और मांस पशु फार्मों की स्थापना के लिए किया जा सकता है.

क्या-क्या काम होगा
राज्य सरकार सभी कस्बों और प्रमुख पंचायतों में FSSAI द्वारा पंजीकृत, स्वच्छ, आधुनिक मांस की दुकानें स्थापित की जाएंगी और विभिन्न स्थानों पर अब तक वध कार्यों में लगे श्रमिकों को स्वस्थ मांस और उत्पादों की बिक्री के लिए स्थान दिया जाएगा.

मांस की दुकान में निम्नलिखित सुविधाएं होंगी. प्रोसेसिंग और बिक्री के लिए वातानुकूलित क्षेत्र, शव, मांस रखने के लिए डिस्प्ले चिलर, नसबंदी और स्वच्छता सुविधाएं,
SS304 (FSSAI विनिर्देश) से बने टेबल और उपकरण, गैर जरूरी चीजों की प्रबंधन
प्रणाली (सोक पिट/बायोगैस प्लांट) और एक रेंडरिंग प्लांट की व्यवस्था होगी.

ऐसे सभी श्रमिकों को मांस के संचालन और बिक्री का प्रशिक्षण दिया जाएगा और साथ ही केवीएएसयू की मांस टेक्नोलॉजी इकाई में मांस के मूल्य संवर्धन का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा.

ट्रेनिंग पाए मजदूरों द्वारा, जहां भी आवश्यक हो, विभिन्न मांस उत्पादों के मूल्य संवर्धन और तैयारी के लिए सुविधाएं स्थापित की जाएंगी और एमएसएमई सहित मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा ऐसी सुविधाओं की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता (ऋण) प्रदान की जा सकती है.

निष्कर्ष
एकीकृत बूचड़खाने बहु-प्रजाति वाले बूचड़खाने होंगे, जैसे मवेशी, भैंस, बकरी, खरगोश और मुर्गी और अन्य जानवरों की कअिंग के लिए अलग से सुविधाएं बनाई जा सकती हैं.

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